धरती पर गिरी ‘अंतरिक्ष की फरारी’
यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (इएसए) का जीओसीइ उपग्रह पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करने साथ ही जल कर नष्ट हो गया है. आरंभिक अनुमानों के मुताबिक, इससे निकला हुआ मलबा पूर्वी एशिया से लेकर पश्चिमी प्रशांत और अंटार्कटिका में कहीं गिरा होगा. आकर्षक दिखने की वजह से जीओसीइ (ग्रेविटी फील्ड एंड स्टेडी स्टेट ओशन सकरुलेशन एक्सप्लोरर) […]
यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (इएसए) का जीओसीइ उपग्रह पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करने साथ ही जल कर नष्ट हो गया है. आरंभिक अनुमानों के मुताबिक, इससे निकला हुआ मलबा पूर्वी एशिया से लेकर पश्चिमी प्रशांत और अंटार्कटिका में कहीं गिरा होगा.
आकर्षक दिखने की वजह से जीओसीइ (ग्रेविटी फील्ड एंड स्टेडी स्टेट ओशन सकरुलेशन एक्सप्लोरर) को ‘फरारी ऑफ स्पेस’ नाम दिया गया था. पिछले 25 साल में पहली बार ऐसा हुआ है कि यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के किसी अंतरिक्ष अभियान ने पृथ्वी के वातावरण में अनियंत्रित होकर दोबारा प्रवेश किया है. जीओसीइ को साल 2009 में प्रक्षेपित किया गया था.
गुरुत्वाकर्षण का अध्ययन करने के लिए भेजे गये इस उपग्रह का ईंधन समाप्त हो गया था, जिसके बाद इसे नष्ट करने के अलावा कोई दूसरा चारा नहीं रह गया था. यह उपग्रह बेहद निचली कक्षा में 224 किलोमीटर की ऊंचाई पर पृथ्वी के चक्कर लगा रहा था. यह किसी भी वैज्ञानिक उपग्रह के लिए सबसे कम ऊंचाई है. ऐसे उपग्रह को काम करने के लिए इलेक्ट्रिक इंजन की जरूरत होती है, लेकिन पिछले महीने इसका ईंधन खत्म हो गया था.
(साभार: बीबीसी)