Loading election data...

केवल ऊपरी आवरण देख कर निर्णय न लें

।। दक्षा वैदकर ।। पिछले दिनों जब मुझे तेज बुखार था और ठंड लग रही थी, मैं डॉक्टर के पास गयी. घर आते वक्त कुछ सामान खरीदने की याद आयी, तो नजदीक के मॉल में घुस गयी. बुखार और ठंड लगने की वजह से मैंने जैकेट पहन रखी थी, जिसकी वजह से सभी मुझे अजीब […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 12, 2013 3:48 AM

।। दक्षा वैदकर ।।

पिछले दिनों जब मुझे तेज बुखार था और ठंड लग रही थी, मैं डॉक्टर के पास गयी. घर आते वक्त कुछ सामान खरीदने की याद आयी, तो नजदीक के मॉल में घुस गयी. बुखार और ठंड लगने की वजह से मैंने जैकेट पहन रखी थी, जिसकी वजह से सभी मुझे अजीब तरह से देख रहे थे. देखना लाजमी भी था.

गरम मौसम में यदि कोई जैकेट पहने दिख जाये, तो लोग उसे इसी तरह देखते हैं. इन्हीं सब लोगों में दो लड़कियां थीं, जो मुझे देख कुछ ज्यादा ही हंस रही थीं. यह कह सकते हैं कि मेरी खिल्ली उड़ा रही थीं. मैंने उनकी हरकतों को इग्नोर किया और अपनी शॉपिंग करने लगी.

तभी मेरे कंधे पर किसी ने हाथ रखा. मॉल में ही एक परिचित आंटी ने मुझे पहचान लिया था. बातचीत शुरू हुई, तो उन्होंने जैकेट पहनने की वजह पूछी. मैंने उन्हें बताया कि तबीयत खराब है और बहुत ज्यादा ठंड लग रही है. उन्होंने सांत्वना दी और अपनी बेटियों को आवाज लगायी, ताकि वे उन्हें मुझसे मिलवा सकें. उन्होंने आवाज लगायी और मैंने देखा कि बिल्कुल फिल्म के किसी सीन की तरह वे दोनों लड़कियां ही मेरे सामने आयीं, जो मुझ पर हंस रही थीं.

मेरे सामने पहुंच कर वे हक्कीबक्की रह गयीं. शायद उन्हें डर था कि कहीं मैं उनकी मम्मी से उन दोनों की शिकायत कर दूं या सभी के सामने उन्हें डांट दूं. दोनों का सिर नीचे की ओर झुक गया. उनकी मम्मी ने उनसे मेरा परिचय करवाया और उन्हें बताया कि दीदी की तबीयत बहुत खराब है, इसलिए जैकेट पहन रखी है. दोनों लड़कियां शरम से पानीपानी हो गयीं. उनके चेहरे पर शर्मिदगी साफ दिखायी दे रही थी. लेकिन मैंने उन्हें कुछ कहा नहीं.

मैं शॉपिंग करने लगी. पांचदस मिनट बाद बिलिंग काउंटर में वे लड़कियां दोबारा मेरे पास आयीं. वे लगातार मुझे सॉरी दीदी.. सॉरी दीदी बोलती रहीं. उन्होंने कहा कि दीदी, हमें बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि आपने जैकेट क्यों पहना है. सॉरी हमने आपका मजाक उड़ाया.

मैंने उन्हें समझाया कि कभी भी किसी के बारे में बिना जाने निर्णय मत लो, ही किसी का मजाक उड़ाओ. कोई आपके साथ भी ऐसा ही कर सकता है.

बात पते की..

– कौन इनसान किन परिस्थितियों से गुजर रहा है, यह आप बाहरी रूप देख कर अंदाजा नहीं लगा सकते, इसलिए बिना जाने कोई निर्णय लें.

– हर व्यक्ति की परवरिश, आर्थिक स्थिति, दिमागी स्थिति, सोचने का तरीका अलग होता है. जो आपके लिए गलत है, हो सकता है उनके लिए सही हो.

Next Article

Exit mobile version