21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

म्यांमार में भूस्खलन में मरने वालों की संख्या 100 के पार पहुंची

यंगून : उत्तरी म्यांमार की एक खदान में भीषण भूस्खलन होने से मरने वालों की संख्या 100 से अधिक हो गई है और बचावकर्ता पीड़ितों की तलाश कर रहेहैं. यह हादसा देश में गुपचुप तरीके से चलाए जाने वाले अरबों डॉलर के पन्ना व्यापार से जुड़े खतरों को उजागर करता है. भीषण भूस्खलन में मलबे […]

यंगून : उत्तरी म्यांमार की एक खदान में भीषण भूस्खलन होने से मरने वालों की संख्या 100 से अधिक हो गई है और बचावकर्ता पीड़ितों की तलाश कर रहेहैं. यह हादसा देश में गुपचुप तरीके से चलाए जाने वाले अरबों डॉलर के पन्ना व्यापार से जुड़े खतरों को उजागर करता है. भीषण भूस्खलन में मलबे के ढेर में शनिवार सुबह दर्जनों झोपड़ियां दब जाने के बाद दूरदराज के हपाकांत कस्बे में अधिकारियों ने मलबे से कई शवों को बाहर निकाला. यह इलाका विश्व में अत्यंत मूल्यवान पन्ना के उत्पादन का केंद्र है. मारे गए अधिकतर लोग घुमंतू खनिक माने जा रहे हैं. ये लोग इस उम्मीद मेंबड़ी औद्योगिक खनन फर्मों के छोड़े अपशिष्टों के ढेर सेखंगालते हैं कि उन्हें फर्मों की नजरों से छूट गया पन्ना मिल जाएग ताकि उन्हें गरीबी से छुटकारा मिल सके.

ऐसा माना जा रहा है कि यह इस दुर्लभ एवं गरीब इलाके में हाल में हुआ सबसे घातक भूस्खलन है. म्यांमार के ग्लोबल न्यू लाइट के अनुसार मृतकों की आधिकारिक संख्या 104 होगयी है.

सरकारी समाचार पत्र ने दुर्घटना के बाद कहा, ‘‘ कई और लोग अब भी लापता है.” अधिकारियों ने कहा है कि उन्हें निश्चितरूप से यह नहीं पता है कि इस इलाकेमें कितने लोग रह रहे थे.

बचाव अभियान में शामिल एक सामुदायिक समूह काचिन नेटवर्क डेवलपमेंट फाउंडेशन के सचिव दाशी नाउ लॉन ने एएफपी से कहा, ‘‘ बचाव अभियान आज जारी है और हम अब भी शव एकत्र कर रहे है. हमें 100 से अधिक लोगों के शव मिले हैं.” म्यांमार विश्व के सबसे अच्छी गुणवत्ता के लगभग सभी पन्नों का स्रोत है. हरे रंग का लगभग पारदर्शी यह पत्थर पड़ोसी देश चीन में बेशकीमती है. चीन में इसे ‘‘स्वर्ग का पत्थर” कहा जाता है. ऐसा समझा जाता है कि एक ओर जहां खनन फर्में काफी धन कमाती है, वहीं स्थानीय लोगों की शिकायत है कि इसमें से उन्हें कुछ धन दिए जाने के बजाए उनके साथ दुर्व्यवहार किया जाता है और उन्हें बार बार दुर्घटनाओं का शिकार होना पड़ता है. हपाकांत पर्यावरण के विनाश के स्थल केरूप में बदल गया है, क्योंकि यहां फर्में जमीन में से कीमती पत्थर निकालने के लिए खुदाई के लिएबड़ीबड़ी मशीनों का प्रयोग करती हैं. अकसर पूरे पूरे पहाड़ ही डाइनामाइट सेउड़ा दिए जाते हैं.

अक्तूबर में आई एक रिपोर्ट में ग्लोबल विटनेस परामर्श समूह ने अनुमान लगाया है कि केवल 2014 में म्यांमार में उत्पादित पन्ने की कीमत 31 अरब डॉलर थी लेकिन यह संख्या आधिकारिक आंकड़ों की तुलना में 10 गुणा अधिक है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार पिछले वर्ष इस बेशकीमती पत्थर की बिक्री से तीन अरब 40 करोड डॉलर की आय हुई थी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें