रोज ऐसा सोचें कि कल गोवा घूमने जाना है
।। दक्षा वैदकर ।।एक कल्पना करें. आपका कोई दोस्त आपको फोन लगाता है और उत्साह से कहता है, ‘मेरे पास एक बहुत अच्छी खबर है. हम सारे दोस्त परसों ही गोवा जा रहे हैं. तीन दिन छुट्टियां मनाने का प्लान है. हमने तुम्हारा टिकट भी करवा लिया है. तुम्हें कुछ खर्च नहीं करना होगा. यह […]
।। दक्षा वैदकर ।।
एक कल्पना करें. आपका कोई दोस्त आपको फोन लगाता है और उत्साह से कहता है, ‘मेरे पास एक बहुत अच्छी खबर है. हम सारे दोस्त परसों ही गोवा जा रहे हैं. तीन दिन छुट्टियां मनाने का प्लान है. हमने तुम्हारा टिकट भी करवा लिया है. तुम्हें कुछ खर्च नहीं करना होगा. यह पार्टी मेरी तरफ से है. परसों सुबह मिलते हैं आठ बजे.’ आपकी पहली प्रतिक्रिया यही होगी, ‘वाह, यह तो बहुत अच्छा आइडिया है, लेकिन मेरे पास तो ढेर सारे काम हैं यार. मैं एक दिन में इन्हें कैसे निबटा पाऊंगा. बॉस भी कहेंगे कि तीन दिन का काम पूरा कर के ही जाओ. मेरे जाना तो नामुमकिन है’ आपकी पत्नी तभी आपको सुझाव देती है कि आप दोस्त को थोड़ी देर बाद फोन लगाने को कहें. सोचने की मोहलत मांग लें. आप भी फोन रख देते हैं.
अब आप दोनों कॉपी पेन ले कर लिस्ट बनाने लगते हैं कि कौन-कौन-से काम आपको एक दिन में निबटाने होंगे. इधर-उधर के फालतू के कामों से टाइम की बचत कर आप निष्कर्ष निकालते हैं कि आप एक दिन में ही तीन दिन का काम कर सकते हैं. आप अपने दोस्त को हां बोल देते हैं और काम में जुट जाते हैं. यकीन मानिए, आप सच में तीन दिनों का काम उस एक दिन में बड़ी फुरती से कर लेते हैं और छुट्टियां मनाने चले जाते हैं. यह सब इसलिए क्योंकि आप उस सवाल के जवाब में हां कहना चाहते थे. आपने मन में ठाना कि मुझे जाना ही है.
अब मैं यहां आपसे दूसरा सवाल पूछती हूं ‘क्यों न आप रोज खुद से यह सवाल पूछें कि कल गोवा चलोगे क्या?’ आप रोज यह कल्पना करें कि आपको कल ही कहीं घूमने जाना है और आप देखेंगे कि आप रोज ही सारे काम बड़ी फुरती से कर लेंगे. यह उदाहरण हमें सिखाता है कि जो लोग यह कहते हैं ‘मेरे पास बहुत काम है, वक्त नहीं है..’ दरअसल वे लोग दिशा हीन होते हैं. उन्हें खुद के काम को मैनेज करना नहीं आता.
बेहतर हो कि आप कार्य शुरू करने से पहले सोचने के लिए, योजना बनाने के लिए और दूसरों को जिम्मेवारी सौंपने के लिए अपनी मानसिक क्षमता का प्रयोग करें इस तरह आप इतना अधिक कार्य संपन्न कर पायेंगे कि आप अपने जीवन के आनेवाले कल में गोवा या जहां कहीं भी आप जाना चाहे, जा सकते हैं.
– बात पते की
* अगर हम रोजाना अपने कामों की लिस्ट बनायें और टाइम मैनेजमेंट के अनुसार उन्हें निबटायें, तो सारे काम बड़ी आसानी से हो सकते हैं.
* इधर-उधर की चीजों में, बेकार के तनाव में अपना समय न गंवायें. स्मार्ट वर्किग से काम पूरा करें और अपनी जिंदगी को इंन्जॉय भी करें.