शांति तिग्गा ने की खुदकुशी
जलपाईगुड़ी: राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित देश की पहली महिला जवान शांति तिग्गा ने मंगलवार शाम फांसी लगा कर खुदकुशी कर ली. वह तीन दिन से अलीपुरद्वार रेलवे अस्पताल में भरती थीं. मंगलवार शाम साढ़े चार बजे जब उन्हें बेड पर नहीं पाया गया तो खोजबीन शुरू हुई. बाद में उन्हें अस्पताल के बाथरूम में गमङो […]
जलपाईगुड़ी: राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित देश की पहली महिला जवान शांति तिग्गा ने मंगलवार शाम फांसी लगा कर खुदकुशी कर ली. वह तीन दिन से अलीपुरद्वार रेलवे अस्पताल में भरती थीं. मंगलवार शाम साढ़े चार बजे जब उन्हें बेड पर नहीं पाया गया तो खोजबीन शुरू हुई. बाद में उन्हें अस्पताल के बाथरूम में गमङो के फंदे से झूलते पाया गया. उत्तर-पूर्व सीमांत रेलवे के डीआरएम वीरेंद्र कुमार ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि महिला जवान के अपहरण के मामले की जांच चल रही थी. इसी बीच, उसने खुदकुशी कर ली.
इसके पीछे क्या वजह है, इसकी जांच की जा रही है. गौरतलब है कि कुछ दिन पूर्व शांति तिग्गा के अपहरण की बात सामने आयी थी. पुलिस के मुताबिक, शांति तिग्गा (37) का 11 मई को डय़ूटी के बाद शाम में कथित तौर पर अपहरण कर लिया गया था. चाल्सा के पास उन्हें रात भर बंधक बना कर रखा गया. शांति को अगली सुबह रेल की पटरियों के पास एक खंभे से बंधा पाया गया और उनकी आंखों पर पट्टी बंधी थी. पुलिस ने बताया कि ‘अपहरणकर्ताओं’ ने उन्हें कोई शारीरिक नुकसान नहीं पहुंचाया. इसके बाद उन्हें इलाज के लिए रेलवे अस्पताल में भरती कराया गया.
सूत्रों की मानें तो शांति तिग्गा का अपहरण संदिग्ध था. बताया जाता है कि उन्होंने रेलवे में नौकरी देने के नाम पर कई लोगों से रुपये लिये थे. कहा जा रहा है कि नौकरी नहीं मिलने पर जब लोगों ने रुपये लौटाने के लिए दबाव बनाया तो उन्होंने अपहरण की बात फैलायी. मामले की जांच में अधिकारियों को इस बारे में सुराग मिला था. बताया जा रहा है कि इसी दबाव में आकर उन्होंने खुदकुशी कर ली.
कौन थीं शांति तिग्गा
शांति तिग्गा रेलवे में कार्यरत थीं. वह क्षेत्रीय सेना (टेरिटोरिअल आर्मी) की 969 रेलवे इंजीनियरिंग रेजिमेंट से जुड़ी थीं. उन्होंने पुरुषों को मात देकर क्षेत्रीय सेना में देश की पहली महिला जवान होने का गौरव हासिल किया था.