24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कैलिफोर्निया में हुई गोलीबारी ISIS और अलकायदा से जुड़ी है : US थिंक टैंक

वाशिंगटन : आतंकवादी संगठनों से संबंधित मामलों के विशेषज्ञ एक शीर्ष अमेरिकी थिंक टैंक के अनुसार कैलिफोर्निया में गोलीबारी को अंजाम देने वाले लोग इस्लामिक स्टेट और संभवत: अलकायदा से जुड़े थे. इस गोलीबारी में 14 लोग मारे गए थे और 17 अन्य लोग घायल हो गए थे. स्टडी ऑफ वार यानी आइएसडब्ल्यू संस्थान ने […]

वाशिंगटन : आतंकवादी संगठनों से संबंधित मामलों के विशेषज्ञ एक शीर्ष अमेरिकी थिंक टैंक के अनुसार कैलिफोर्निया में गोलीबारी को अंजाम देने वाले लोग इस्लामिक स्टेट और संभवत: अलकायदा से जुड़े थे. इस गोलीबारी में 14 लोग मारे गए थे और 17 अन्य लोग घायल हो गए थे.

स्टडी ऑफ वार यानी आइएसडब्ल्यू संस्थान ने एक संपादकीय में कहा, ‘‘इस्लामिक स्टेट और अलकायदा के साथ संबंधों से प्रेरित होकर हमलावरों ने सान बर्नारडिनो में दो दिसंबर को आतंकवादी हमला किया.’ इस बीच कैलिफोर्निया में गोलीबारी करने वाले हमलावरों के परिवार का प्रतिनिधित्व कर रहे वकीलों ने दंपती को पक्के मुसलमान बताया लेकिन कहा कि इस बात का कोई संकेत नहीं है कि वे कट्टरपंथी थे. संस्थान ने कहा कि यह अमेरिका में अलकायदा या आइएसआइएस संबंधी ऐसा पहला हमला है जो किसी दक्ष निशानेबाज टीम ने बंदूकों और विस्फोटकों का इस्तेमाल करके किया है. यह ऐसी तकनीक है जिसका इस्तेमाल दोनों समूहों ने नंवबर 2008 में मुंबई हमलों, सितंबर 2013 में केन्या के वेस्टगेट मॉल हमले और जनवरी 2015 में शार्ली एब्दो पर हमले और 13 नवंबर को पेरिस में कई स्थानों पर हुए हमलों में किया गया था.

थिंक टैंक ने कहा कि अमेरिका को ऐसा मानना चाहिए कि दोनों समूह यहां और यूरोप में इस प्रकार के हमलों को प्रोत्साहित करने और उनके लिए मदद मुहैया कराने में और अधिक संसाधन लगाएंगे.

उसने कहा, ‘‘ अलकायदा और आइएसआइएस के खिलाफ अमेरिकी और पश्चिमी वैश्विक प्रयास असफल रहे हैं और उनका फिर से मूलभूत मूल्यांकन किए जाने की आवश्यकता है.’ कैलिफोर्निया में गोलीबारी करने वाले संदिग्ध 28 वर्षीय सैयद फारुक और उसकी 27 वर्षीय पत्नी ताशफीन मलिक पुलिस के साथ मुठभेड में मारे गए थे.

एफबीआइ ने कहा है कि देश में पिछले तीन वर्षों में अब तक की सबसे भीषण गोलीबारी को ‘‘आतंकवादी करतूत’ केरूप में देखा जा रहा है लेकिन दंपती को इस नेटवर्क से जोड़कर देखने के संबंध में अभी तक कोई सबूत नहीं मिला है.

संदिग्धों के परिवार का प्रतिनिधित्व कर रहे अटॉर्नी डेविड चेस्ली ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ इस बात का कोई संकेत नहीं है कि कथित हमलावर किसी बड़े संगठन या आतंकवाद सेल से जुड़े थे.’ परिवार के अटॉर्नी ने बताया कि दंपती किसी से ज्यादा बात नहीं करते थे और अपने आप में सीमित रहते थे. दोनों एक मकान में अपनी बेटी और फारुक की मां के साथ रहते थे.

चेस्ली ने बताया कि ताशफीन की 2013 में ऑनलाइन डेटिंग साइट के माध्यम से फारुक से मुलाकात हुई थी और उन्होंने एक वर्ष बाद सउदी अरब में विवाह कर लिया था. ताशफीन पारंपरिक और धार्मिक थी. उन्होंने ताशफीन को ‘‘आम गृहिणी’ बताते हुए ‘‘कहा, ‘‘ उसके बारे में हमारे पास अधिक जानकारी नहीं है. ‘ ताशफीन अमेरिकी नागरिकों को अपनी मंगेतर के लिए दिए जाने वाले एक विशेष वीजा पर पिछले वर्ष अमेरिका आयीथी. गोलीबारी की इस घटना के बाद इस बात पर प्रश्न खड़े होने लगे हैं कि क्या यह प्रक्रिया उन लोगों की भली प्रकार से जांच कर सकती है जिनके आतंकवादी समूहों से सहानुभूति रखने की आशंका हो.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें