लंदन : भीषण पेरिस हमलों के लिए जिम्मेदार इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों में से एक आतंकवादी ने इस वर्ष की शुरुआत में ब्रिटेन में आतंकवादी हमले की योजना बनाने वाले संदिग्ध लोगों से मुलाकात के लिए लंदन तथा बर्मिंघम का दौरा किया था. आतंकवाद विरोधी अभियान से जुडे अधिकारियों ने जांच में यह पाया है. ‘‘गार्डियन” समाचार पत्र में प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया है कि वह आतंकवादी ब्रिटेन में आतंकवाद को लेकर बरते जा रहे हाई अलर्ट के बावजूद ब्रिटेन में दाखिल होने और फिर वापस यूरोप लौटने में सफल हो गया था.
दोनों शहरों में उसने ऐसे लोगों से मुलाकात की जिनकी मंशा और क्षमता ब्रिटेन के खिलाफ आतंकवादी गतिविधि में मदद या साजिश करने की थी. इसके कुछ ही महीनों बाद वह 13 नवंबर को पेरिस में हुए सिलसिलेवार हमलों में शामिल हो गया और फ्रांस को द्वितीय विश्व युद्ध के बाद के सबसे बडे सुरक्षा खतरे में धकेल लिया. इन हमलों में 130 लोग मारे गए थे. यह स्पष्ट नहीं है कि वह ब्रिटेन में किस प्रकार घुसा था लेकिन ब्रिटेन स्थित जिन संदिग्धों से उसने मुलाकात की थी उनकी एमआई 5 तथा आतंकवाद रोधी पुलिस ईकाई द्वारा जांच की जा रही है.
समाचारपत्र ने यह जानकारी दी है. सीमा सुरक्षा के लिए जिम्मेदार ब्रिटिश सरकार के गृह विभाग ने अभी तक इस संबंध में टिप्पणी करने से इंकार किया है. तीन सप्ताह पहले पेरिस में किए गए हमलों में कुल 11 आतंकवादियों का हाथ बताया जाता है. ब्रिटिश सुरक्षा अधिकारी पेरिस हमलों के तुरंत बाद हरकत में आ गए थे और उन्होंने सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने के साथ ही ब्रिटेन के खिलाफ आतंकवादी हमलों की किसी भी साजिश को ध्वस्त करने के लिए योजनाएं बनायी थीं.
पेरिस हमले होने के दो घंटे के भीतर ही स्काटलैंड यार्ड पुलिस जवाबी कार्रवाई के लिए योजनाओं का खाका बना रही थी. 11 पेरिस हमलावरों में से नौ मारे जा चुके हैं और दो फरार हैं. पेरिस हमलों में सबसे अधिक लोग बैटक्लैन कंसर्ट हाल में तथा बाकी बार और रेस्त्रां में हुए हमलों में मारे गए थे. स्टेड दा फ्रांस के बाहर आत्मघाती हमलावरों द्वारा किए गए विस्फोट में भी कई लोग मारे गए थे जहां फ्रांस और जर्मनी के बीच फुटबाल मैच चल रहा था. सुरक्षा प्रमुखों और सरकार द्वारा ब्रिटेन में आतंकवादी खतरे को लेकर सर्वोच्च अलर्ट पर विचार करने के साथ ही ब्रिटिश पुलिस की एक यूनिट को अपने अधिकारियों को आपात स्थिति में राष्ट्रीय जिम्मेदारी सौंपे जाने के लिए तैयार रखा गया था.
सुरक्षा विश्लेषकों ने चेतावनी दी थी कि पेरिस के बाद ब्रिटेन आईएस आतंकवादियों का अगला निशाना हो सकता है क्योंकि सीरिया में आईएस के गढ पर हवाई हमलों में ब्रिटेन के शामिल होने के कारण उनके पास इसका एक कारण भी था.