
भारत ने फ़िरोज़शाह कोटला टेस्ट जीतने के साथ ही टेस्ट सीरीज़ पर 3-0 से कब्जा जमा लिया. टीम इंडिया की जीत में आर अश्विन सुपरस्टार बनकर उभरे.
उन्होंने टेस्ट की दूसरी पारी में पांच विकेट चटकाए. अश्विन ने इस सिरीज़ में कुल 31 विकेट चटकाए. उनकी गेंदबाज़ी के सामने हाशिम अमला और एबी डिविलियर्स जैसे धुरंधर बल्लेबाज़ पूरी सिरीज़ में नाकाम रहे.
आर अश्विन ने 31 विकेट चटकाने के साथ कोटला में 56 रन की एक पारी के साथ सिरीज़ में 101 रन बनाकर आलराउंड क्षमता का प्रदर्शन भी दिखाया.

ख़ास बात ये है कि भारत ने जो पिछली छह टेस्ट सिरीज़ जीती हैं, उन सभी छह सिरीज़ों में अश्विन सबसे ज़्यादा विकेट झटकने वाले गेंदबाज़ रहे हैं.
लेकिन फ़िरोज़शाह कोटला मैदान में भारत की जीत में अहम भूमिका अजिंक्य रहाणे की रही. उन्होंने इस टेस्ट की दोनों पारियों में शतक जमाया, इसके चलते उन्हें मैन ऑफ़ द मैच भी चुना गया. एक टेस्ट की दोनों पारियों में शतक लगाने वाले वे पांचवें भारतीय बल्लेबाज़ हैं.
कोटला टेस्ट के बाद भारतीय कप्तान विराट कोहली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस मे कहा भी कि मिडिलऑर्डर में रहाणे सॉलिड तकनीक वाले बल्लेबाज़ हैं.
वैसे आंकड़ों के हिसाब से 27 साल के रहाणे इस सिरीज़ के असली सुपरस्टार साबित हुए हैं. एक ही टेस्ट में दो शतक लगाने के साथ इस सिरीज़ में दो शतक लगाने वाले वे इकलौते बल्लेबाज़ साबित हुए हैं.

दोनों टीमों की ओर से सबसे ज़्यादा 266 रन रहाणे के बल्ले से निकले. सिरीज़ में उनकी बल्लेबाज़ी का औसत 53.20 रहा, इसके आसपास भी कोई दूसरा बल्लेबाज़ नहीं पहुंचा.
इतना ही नहीं रहाणे ने इस सिरीज़ में कुल 10 कैच लपके और सबसे ज़्यादा आठ छक्के भी लगाए. इस लिहाज से देखें तो रहाणे का दावा ‘मैन ऑफ़ द सिरीज़’ पर अश्विन से कमतर नहीं बैठता.
वैसे भारत के टेस्ट कप्तान कोहली सबसे ज़्यादा ख़ुश होंगे- आख़िर दो-दो मैच जिताऊ खिलाड़ी के कप्तान को ख़ुश होना ही चाहिए.
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