इस्लामाबाद : आतंकवाद से संघर्ष के लिए एक सामूहिक दृष्टिकोण का आह्वान करते हुए अफगानिस्तान में आतंकवाद पर आयोजित एक अहम क्षेत्रीय सम्मेलन का पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने आज संयुक्तरूप से उद्घाटन किया.
क्षेत्रीय संबंधों के लिए प्रयासों में तेजी लाने और युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता को बढावा देने के मकसद से ‘हार्ट ऑफ एशिया’ सम्मेलन की शुरुआत हुई.
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज सहित विभिन्न देशों के विदेश मंत्रियों की मौजूदगी में शरीफ और गनी ने संयुक्तरूप से सम्मेलन का उद्घाटन किया.
शरीफ ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा, ‘‘अफगानिस्तान एशिया का दिल है और अगर दिल में तकलीफ होगी तो पूरा क्षेत्र अशांत हो जाएगा.’ उन्होंने अफगानिस्तान की निर्वाचित सरकार को ‘‘देश के लोगों का एकमात्र प्रतिनिधि’ बताया और उन्हें पूरा समर्थन देते हुए कहा कि विकास के लिए शांति महत्वपूर्ण है.
शरीफ ने चरमपंथ और आतंकवाद के खतरे से निपटने के लिए सामूहिक दृष्टिकोण का आह्वान किया.
उन्होंने कहा, ‘‘एक शांतिपूर्ण क्षेत्र के लिए काम करना पाकिस्तान की विदेश नीति का मूलभूत सिद्धांत है. हमारा मानना है कि विकास के लिए शांति जरूरी है और टिकाउ शांति के लिए विकास ही अहम है.’
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने प्रतिनिधियों का स्वागत किया और अफगानिस्तान में स्थिरता पर जोर देते हुए क्षेत्र में शांति के लिए किए जाने वाले सभी प्रयासों में पूर्ण समर्थन का वायदा किया.
गनी ने अपने देश के सामने मौजूद चुनौतियों और इसकी संभावनाओं के बारे में बातचीत करते हुए कहा कि अफगानिस्तान ने अपने सभी पड़ोसियों के साथ करीबी रिश्ता बनाने में लंबा सफर तय किया है.
उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि सुरक्षा पर खतरा बरकरार है लेकिन ‘‘2016 तक हम बेहतर हालात में होंगे.’ शरीफ ने कहा, ‘‘सम्मेलन का थीम क्षेत्रीय विकास के प्रचार, आर्थिक संबंधों में तेजी, हमारे लोगों के जीवन स्तर में सुधार और सुरक्षा चुनौतियों का सामना जैसी हमारी इच्छाओं को प्रदर्शित करता है.’ अपने संबोधन में शरीफ ने कहा, ‘‘अफगानिस्तान में लोकतांत्रिकरूप से चुनकरआयी सरकार ही देश की वैध अधिकारी है.’ उन्होंने कहा, ‘‘अफगानिस्तान के दुश्मन पाकिस्तान के दुश्मन हैं और हमारी सरकार अफगानिस्तान के नेतृत्व में और अफगानिस्तान समर्थित शांति प्रक्रियाओं का समर्थन जारी रखेगी जो स्थिरता को बढाने और हिंसा के खात्मे के लिए सबसे व्यावहारिक विकल्प बना हुआ है.’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारे लिए, अफगानिस्तान एक पड़ोसी से बढकर है. हमारा मूलभूत सिद्धांत साझा इतिहास, समान धर्म, संस्कृति और भाषाई समानता और प्राचीन काल से हमारे लोगों के संबंध में निहित है. इन्हीं करीबी संबंधों के कारण पाकिस्तान हमेशा से अफगानिस्तान के साथ खड़ा रहा है.’