भारत, पाकिस्तान के बीच गतिरोध खत्म, समग्र वार्ता करेंगे दोनों देश

इस्लामाबाद : भारत और पाकिस्तान ने अपने संबंधों में आए गतिरोध को खत्म करते हुए आज ऐलान किया कि उन्होंने ‘समग्र’ वार्ता करने का फैसला किया है जिसमें शांति एवं सुरक्षा तथा जम्मू-कश्मीर का मुद्दा शामिल होगा. पेरिस में 10 दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ के बीच मुलाकात के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 9, 2015 5:46 PM

इस्लामाबाद : भारत और पाकिस्तान ने अपने संबंधों में आए गतिरोध को खत्म करते हुए आज ऐलान किया कि उन्होंने ‘समग्र’ वार्ता करने का फैसला किया है जिसमें शांति एवं सुरक्षा तथा जम्मू-कश्मीर का मुद्दा शामिल होगा. पेरिस में 10 दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ के बीच मुलाकात के बाद से दोनों देशों के बीच कई सकारात्मक घटनाक्रम देखने को मिले तथा आज यह घोषणा की गई कि दोनों देशों के विदेश सचिव वार्ता के तौर-तरीकों और कार्यक्रम पर फैसला करने के लिए मुलाकात करेंगे.

पाकिस्तान ने भारत ने मुंबई हमले की सुनवाई को ‘जल्द निष्कर्ष तक पहुंचाने के लिए इसे तेज करने के लिए कदम उठाए जाने’ का भरोसा दिलाया है. भारत लंबे समय इस मामले को जल्द निष्कर्ष तक ले जाने के लिए दबाव बनाता आ रहा है.भारत और पाकिस्तान की ओर से जारी साझा बयान में कहा गया है कि हाल ही में बैंकॉक में मुलकात करने वाले दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार आतंकवाद से जुडे मुद्दों का निदान करना जारी रखेंगे.

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शरीफ और विदेश मामलों के सलाहकार सरताज के साथ मुलाकात के बाद यह साझा बयान जारी किया गया. सुषमा यहां अफगानिस्तान पर आयोजित एक बहुपक्षीय सम्मेलन में शिरकत के लिए दो दिवसीय पाकिस्तान दौरे पर पहुंची थीं.

बालकृष्णन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मेरा एनजीओ भेंडी बाजार के कमजोर महिलाओं और बच्चों को कंप्यूटर सिखाने में मदद के लिए इस संपत्ति को खरीदना चाहता है. इससे समाज में लोगों की मदद होगी और दाउद जैसे गैंगस्टरों को कडा संदेश जाएगा कि भारतीय लोग उससे डरते नहीं हैं और वह अब देश में और आतंकवाद नहीं फैला सकता .’ जब उनसे संपत्ति की कीमत के बारे में पूछा गया जिसका बंदोबस्त उन्हें एक महीने में करना है तो उन्होंने कहा कि वह देश के आम लोगों से पैसा एकत्रित करेंगे.

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे देश के नागरिकों पर पूरा विश्वास है. मैं पूरी तरह उन पर निर्भर हूं. मेरे पास इतना पैसा नहीं है लेकिन भारत की जनता की मदद से एक महीने में बंदोबस्त हो जाएगा.’ छोटा शकील से कथित तौर पर मिली धमकी को तवज्जो नहीं देते हुए पूर्व पत्रकार ने कहा, ‘‘अगर मैं इस प्रक्रिया में शामिल नहीं होता तो मुझे देश के सामने शर्मिंदा होना पडता. पाकिस्तान में बैठा कोई शख्स हम पर हुकुम नहीं चला सकता.’

इस मुलाकात में विदेश मंत्री के साथ भारतीय अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल भी शामिल था , सुषमा ने अपने इन अधिकारियों का नवाज से परिचय कराया. दोनों नेताओं के बीच यह द्विपक्षीय वार्ता हार्ट आॅफ एशिया सम्मेलन से इतरयहांके प्रधानमंत्री आवास में हो रही है. इस मुलाकात में आतंकवाद, घुसपैठ सहित अन्य मुद्दों पर वार्ता होने की संभावना है. ध्यान रहे कि पिछले ही सप्ताह दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बैकांक में मिले थे. उधर, सुषमा ने आज इस्लामाबाद में अगले सालसार्क शिखर सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पाकिस्तान यात्रा का भी एलान किया.

अफगान राष्ट्रपति सहित विदेश मंत्रियों से भी मिलीं सुषमा

इस्लामाबाद : विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज यहां अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी से मुलाकात की और उनके साथ संपर्क, युद्ध प्रभावित देश पर आतंकी खतरों और शांति एवं सुलह प्रक्रिया पर चर्चा की.

सुषमा ने ‘हार्ट ऑफ एशिया’ सम्मेलन से इतर लगभग 30 मिनट के लिए गनी से मुलाकात की और इस दौरान दोनों ने अफगानिस्तान-पाकिस्तान व्यापार एवं पारगमन समझौते से जुड़ने भारत की इच्छा पर भी बातचीत की. सुषमा के साथ यहां विदेश सचिव एस जयशंकर और पाकिस्तान एवं अफगानिस्तान में भारत के राजदूत भी थे. दोनों पक्षों ने लंबित टीएपीआइ गैस पाइपलाइन की प्रगति का संज्ञान लिया, जिसका भूमि पूजन अगले हफ्ते तुर्केमिनिस्तान में होगा. उसमें गनी हिस्सा लेंगे एवं भारत का प्रतिनिधित्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी करेंगे.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने दोनों नेताओं की तस्वीर के साथ ट्वीट किया, ‘‘मित्रता का एक मजबूत नाता. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने हार्ट ऑफ एशिया से इतर राष्ट्रपति अशरफ गनी से द्विपक्षीय मुलाकात की.’ उन्होंने कहा, ‘‘दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की, जिसमें पारगमन का मुद्दा भी शामिल था. उन्होंने अफगानिस्तान में आतंक के खतरे और शांति एवं सुलह प्रक्रिया की स्थिति पर चर्चा की.’ दोनों नेताओं ने अफगानिस्तान में भारत की मदद से चल रही विकास परियोजनाओं पर भी चर्चा की.

इससे पूर्व हार्ट आफ एशिया सम्मेलन में सुषमा ने अपने संबोधन में रक्षा क्षमता बढाने में अफगानिस्तान की सहायता करने की भारत की इच्छा का भी इजहार किया.

सुषमा स्वराज ने यह भी कहा कि इस्ताम्बुल प्रक्रिया के प्रति भारत का नजरिया आपसी कारोबार, पारगमन, उर्जा और संचार मार्गो में जुड़ाव और अफगानिस्तान को इन सब का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनते देखने में है.

उन्होंने किर्गिस्तान और ईरान के अपने समकक्षों क्रमश: एर्लान अब्दुलदाएब और जावेद जरीफ से भी मुलाकात की. उन्होंने एक जहाज के भारतीय चालक दल के सदस्यों को रिहा करने के लिए जरीफ का आभार प्रकट किया. विकास स्वरूप ने बैठक में दोनों नेताओं की एक तस्वीर के साथ ट्वीट किया, ‘‘ एक सतत विकास साझेदारी को मजबूती प्रदान करते हुए : विदेश मंत्री सुषमा स्वराज मिलीं कीर्गिस्तान के विदेश मंत्री एरलान अब्दुलदाएब से.’ स्वराज और अब्दुलदाएब ने महत्वपूर्ण द्विपक्षीय मुद्दों के साथ ही सहयोग को बढाने पर विचार विमर्श किया. उन्होंने ईरान के विदेश मंत्री जावेद जरीफ के साथ भी मुलाकात की. स्वरूप ने कहा कि किर्गिस्तान के मंत्री ने इस बात पर बल दिया कि मध्य एशिया में भारत की मौजूदगी बहुत जरूरी और प्रशंसनीय है.

जरीफ के साथ भेंट के दौरान सुषमा स्वराज ने भारतीयों की रिहाई को लेकर उन्हें धन्यवाद दिया. उस पर ईरानी मंत्री ने आशा जतायी कि बदले में भारत भारतीय जेलों में बंद ईरानी नाविकों को रिहा करेगा. सुषमा स्वराज ने जरीफ को आश्वासन दिया कि भारतीय अधिकारी इस प्रक्रिया का परीक्षण करेंगे और उसे शीघ्र अंतिम नतीजे तक ले जायेंगे. खबरों के अनुसार भारत की जेलों में करीब 11 ईरानी बंद हैं.

दोनों पक्षों ने चाबहार बंदरगाह को लेकर हुए सहमति पत्र के क्रियान्वयन पर भी चर्चा की. इस संबंध में दोनों देशों के बीच समझौता हुआ था.

जरीफ ने ईरान पर से कुछ देशों द्वारा प्रतिबंध हटाये जाने के बाद संयुक्त कार्ययोजना पर भी चर्चा की.

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