आधी दुनिया हो गयी ऑनलाइन
वर्ष 2015 समाप्ति की ओर बढ़ रहा है और खत्म होने तक दुनियाभर में करीब आधे घरों में रहनेवाले लोगों को इंटरनेट की सुविधा मिल जायेगी. पांच वर्ष पहले तक पूरी दुनिया में करीब 30 फीसदी परिवारों के पास ही इंटरनेट यानी ऑनलाइन की सुविधा थी. अंतरराष्ट्रीय टेलीकॉम यूनियन (आइटीयू) के आंकड़ों के मुताबिक, इस […]
वर्ष 2015 समाप्ति की ओर बढ़ रहा है और खत्म होने तक दुनियाभर में करीब आधे घरों में रहनेवाले लोगों को इंटरनेट की सुविधा मिल जायेगी. पांच वर्ष पहले तक पूरी दुनिया में करीब 30 फीसदी परिवारों के पास ही इंटरनेट यानी ऑनलाइन की सुविधा थी. अंतरराष्ट्रीय टेलीकॉम यूनियन (आइटीयू) के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल के आखिर तक 46 फीसदी से ज्यादा घरों में इंटरनेट उपलब्ध हो जायेगा.
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि दुनियाभर में करीब तीन अरब 20 करोड़ लोगों के पास इंटरनेट सुविधा है. दुनियाभर में दूरसंचार सेवाओं के विस्तार के बारे में यह भरोसेमंद और निष्पक्ष आकलन माना जाता है. हालांकि, रिपोर्ट यह भी कहती है कि दुनिया की करीब पूरी आबादी के पास मोबाइल फोन सेवाएं उपलब्ध हो गयी हैं, मगर इंटरनेट की सुविधा के मामले में अब भी मंजिल बहुत दूर है.
यूरोप के लिए आइटीयू के संयोजक जैरोस्लाव पोंडर का कहना है कि नये टिकाऊ विकास लक्ष्य हासिल करने के लिए खासतौर से विकासशील देशों में ज्यादा से ज्यादा लोगों तक इंटरनेट की सुविधा मुहैया कराने के लिए और ज्यादा काम करना होगा. उनका कहना था कि दुनिया की करीब 95 फीसदी आबादी के पास मोबाइल फोन और सिगनल की सुविधाएं पहंुच चुकी हैं.
साल 2011 से 2015 तक 3जी सुविधा भी 45 फीसदी से बढ़कर करीब 70 फीसदी तक पहुंच गयी है. लेकिन अफ्रीका और एशिया के कम आमदनी वाले अनेक देशों में 3जी सुविधा अब भी दूर की कौड़ी नजर आती है.