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अजमल कसाब मरा नहीं जिंदा है!

लाहौर : मुंबई हमलों के मामले में अभियोजन पक्ष को उस समय शर्मिंदगी का सामना करना पडा जब एक प्रमुख गवाह ने अपनी बात से पलटते हुए कहा कि हमले के बाद जिंदा पकडा गया और फिर फांसी पर लटका दिया गया इकलौता बंदूकधारी अजमल कसाब जिंदा है. अदालत के एक अधिकारी ने आज कहा, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 10, 2015 2:34 PM

लाहौर : मुंबई हमलों के मामले में अभियोजन पक्ष को उस समय शर्मिंदगी का सामना करना पडा जब एक प्रमुख गवाह ने अपनी बात से पलटते हुए कहा कि हमले के बाद जिंदा पकडा गया और फिर फांसी पर लटका दिया गया इकलौता बंदूकधारी अजमल कसाब जिंदा है. अदालत के एक अधिकारी ने आज कहा, ‘‘फरीदकोट के प्राथमिक विद्यालय के हेडमास्टर मुदस्सिर लखवी ने अदालत को बताया कि उन्होंने कसाब को पढाया था और वह जिंदा है.’ अजमल कसाब इस स्कूल में तीन साल तक पढा था.

अडियाला जेल रावलपिंडी में आतंकवाद-रोधी अदालत इस्लामाबाद के न्यायाधीश ने कल सुनवाई की. कल ही विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और पाकिस्तान प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहाकार सरताज अजीज के बीच हुई बैठक में पाकिस्तान ने भारत को आश्वासन दिया था कि मुंबई हमलों के मामले की सुनवाई के ‘‘जल्द फैसले के लिए कदम उठाए जा रहे हैं.’ अधिकारी ने कहा, ‘‘हेडमास्टर ने अजमल कसाब के जिंदा होने का दावा कर अभियोजन पक्ष के लिए बहुत शर्मिंदगी वाली हालत पैदा कर दी. उन्हें कुछ प्रासंगिक रिकॉर्डों के साथ उस अवधि का रिकॉर्ड पेश करना था, जब अजमल कसाब वहां पढा था लेकिन वह कुछ और ही कहते रहे. अभियोजन पक्ष भी उनसे सही ढंग से जिरह करने में विफल रहा.’

अधिकारी ने कहा कि हेडमास्टर दरअसल आरोपी जकीउर रहमान लखवी के शहर का है और ऐसी संभावना है कि उसका बयान लखवी के दबाव में आया हो. मई 2014 में हेडमास्टर ने अदालत को बताया था कि कसाब अब भी जिंदा है. अभियोजन पक्ष ने आवेदन दायर कर अदालत से गवाह के ‘पलट जाने’ के आधार पर उससे दोबारा पूछताछ करने की अनुमति मांगी थी। उसे कल तलब किया गया था लेकिन वह अपने पिछले बयान पर कायम रहा.

हेडमास्टर ने (भारत में फांसी पर लटकाए गए) कसाब का कोई संदर्भ नहीं दिया और न ही यह जिक्र ही किया कि क्या वह (कसाब) वही व्यक्ति था, जो फरीदकोट के स्कूल में पढता था. गवाह ने पहले यह भी दावा किया था कि जरुरत पडने पर कसाब को अदालत में पेश किया जा सकता है. मामले की अगली सुनवाई 16 दिसंबर को होनी है. भारत लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों को मुंबई हमलों की साजिश रचने का दोषी मानता है. उन हमलों में 166 लोग मारे गए थे. शुरुआत में पाकिस्तानी अधिकारियों ने कसाब के पाकिस्तानी नागरिक होने के भारतीय दावों को खारिज कर दिया था लेकिन बाद में उन्होंने यह पुष्टि की थी कि इन हमलों में जिंदा पकडा गया एकमात्र हमलावर पाकिस्तान से था.

कसाब को नवंबर 2012 में पुणे की एक जेल में फांसी दे दी गई थी. मुंबई हमलों में कथित भूमिका को लेकर लश्कर ए तैयबा के ऑपरेशन कमांडर जकीउर रहमान लखवी, अब्दुल वाजिद, मजहर इकबाल, सादिक, शाहिद जमील, जमील अहमद और यूनुस अंजुम के खिलाफ मामला वर्ष 2009 से मुकदमा चल रहा है. लखवी को दिसंबर 2014 में जमानत मिल गई थी. इस अप्रैल में लाहौर उच्च न्यायालय ने लखवी को जन सुरक्षा कानून के तहत हिरासत में ही रखने के सरकारी आदेश को दरकिनार कर दिया था, जिसके बाद वह अडियाला जेल से बाहर आ गया था. फिलहाल लखवी जमानत पर है और किसी अज्ञात स्थान पर रह रहा है.

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