वाशिंगटन/नयीदिल्ली : अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने करीब सात सालों की रिकॉर्ड गिरावट के बाद पहली बार ब्याज दरों में इजाफा किया हैऔर 0.25 प्रतिशत ब्याज दर बढ़ाई है. लेकिन इससे संकेत मिल रहे हैं कि अर्थव्यवस्था और मजबूत होगा.साथ ही मुद्रास्फीति में बढ़ोत्तरी से भविष्य में ब्याज दरों में इजाफे काफी धीमी रफ्तार से होने की संभावना है. वहीं,वित्त मंत्रालय ने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दर में बढ़ोतरी से निपटने के लिए भारत पूरी तरह तैयार है.
फेडरल रिजर्व ने अपनी प्रमुख दर में 0.25 फीसदी का इजाफा कर इसे 0.5 फीसदी कर दिया है. इससे पहले करीब सात साल तक यह दर शून्य के करीब थी जिसकी शुरुआत 2008 के वित्तीय संकट के समय हुई थी. दर में किए गये इस इजाफे से उपभोक्ताओं और व्यापारिक संस्थाओं को कुछ कर्ज पर थोड़ी ज्यादा दरें चुकानी पड़ सकती हैं. अमेरिकी फेडरल रिजर्व के निदेशक मंडल की अध्यक्ष जेनेट येलेन ने कल संवाददाताओं से कहा, फेडरल ओपन मार्केट कमिटी ने संघीय कोष के लिए 0.25 प्रतिशत करने का फैसला किया है. इस पहल से सात साल का वह दौर खत्म हो गया जबकि फेडरल रिजर्व कोष की ब्याज दर शून्य के करीब रखी गयी थी ताकि अर्थव्यवस्था को 20वीं सदी की आर्थिक मंदी के दौर के बाद से सबसे बुरे वित्तीय संकट के दौर में समर्थन प्रदान किया जा सके.
येलेन कहा कि फेडरल रिजर्व यह भी मानता है कि रोजगार बहाली, आय बढ़ाने और करोड़ों अमेरिकियों की आर्थिक मुश्किलें कम करने की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति हुई है. उन्होंने कहा कि इस फैसले से समिति का भरोसा जाहिर होता है कि अर्थव्यवस्था में मजबूती बनी रहेगी और आर्थिक सुधार ने लंबा सफर तय किया है. हालांकि यह पूरा नहीं हुआ है.
भारत स्थिति से निपटनेको पूरी तरह तैयार: वित्त मंत्रालय
नयी दिल्ली : वित्त मंत्रालय ने आज कहा कि भारत अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में बढ़ोतरी से निपटने के लिए तैयार है. आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने ट्विटर पर कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में बढ़ोतरीव इसमें धीरे-धीरे और बढ़ोतरी का उल्लेख अनुमान के अनुरुप है. भारत पूरी तरह तैयार है. अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने पिछली रात ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की. यह पिछले एक दशक में की गयी पहली बढ़ोतरी है जिससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था में बढ़ोतरी का संकेत मिलता है.
दास ने कहा कि अनश्चितता खत्म होने और भविष्य के लिए समावेशी परिदृश्य से उभरती अर्थव्यवस्थाओं के नीति निर्माताओं को मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि फेडरल रिजर्व का अर्थव्यवस्था में सुधार का भरोसा भारतीय निर्यात विशेष तौर पर सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के लिए अच्छी खबर है.
डालर के मुकाबले रुपया 13 पैसे मजबूत
मुंबई : अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा करीब एक दशक में पहली बार ब्याज दर बढ़ाने के बावजूद निर्यातकों द्वारा अमेरिकी मुद्रा की बिकवाली के मद्देनजर रुपया आज के शुरुआती कारोबार के दौरान 13 पैसे चढ़कर 66.60 पर पहुंच गया. विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि घरेलू शेयर बाजार में तेजी से भीरुपया को समर्थन मिला लेकिन अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी के बाद विदेश में अन्य मुद्राओं के मुकाबले डालर में तेजी से घरेलू मुद्रा में मजबूती पर लगाम लगी. रुपया कल 19 पैसे चढ़कर 66.73 पर बंद हुआ था.