संयुक्त राष्ट्र : पांच साल से युद्ध से गुजर रहे सीरिया में सरकार और विद्रोहियों के बीच बातचीत के जरिए शांति प्रक्रिया का अनुमोदन करने वाले एक प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सर्वसम्मति के साथ स्वीकार कर लिया है. लेकिन यह मसौदा राजनीतिक हस्तांतरण में राष्ट्रपति बशर असद की भूमिका पर कुछ नहीं कहता. इस नृशंस युद्ध को खत्म करने की राजनीति पर ध्यान केंद्रित करने वाले अपने पहले प्रस्ताव को स्वीकृति देने के लिए कलपंद्रह सदस्यीय परिषद की विदेश मंत्री स्तर की बैठक आयोजित हुई.
इस प्रस्ताव में संयुक्त राष्ट्र प्रमुख बान की-मून से कहा गया कि वह वर्ष 2012 की जिनेवा विज्ञप्ति के अनुरूप अगले माह सरकार और विपक्ष के प्रतिनिधियों के बीच राजनीतिक हस्तांतरण के मुद्दे पर औपचारिक वार्ताओं का आयोजन करें. यह हस्तांतरण स्थायी शांति की दिशा में एक कदम होगा. यह प्रस्ताव सीरिया के नेतृत्व में संयुक्त राष्ट्र की मदद वाली एक ऐसी राजनीतिक प्रक्रिया की अपील करता है, जिसके तहत छह माह के भीतर विश्वसनीय, समावेशी और गैर-सांप्रदायिक शासन कायम हो सके. यह प्रस्ताव नया संविधान बनाने और संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में 18 माह के भीतर स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव करवाने की बात कहता है, जिसके तहत प्रवासियों समेत सभी सीरियाई लोगों को मतदान का अधिकार हो.
प्रस्ताव मेंयुद्ध विराम और समानांतर राजनीतिक प्रक्रिया के बीच के करीबी संबंध को रेखांकित किया गया और कहा गया कि चूंकि पक्षों ने संयुक्त राष्ट्र की देखरेख में राजनीतिक हस्तांतरण की ओर शुरूआती कदम बढ़ाने शुरू कर दिए हैं, ऐसे में संघर्षविराम प्रभावी हो जाना चाहिए. परिषद के अध्यक्ष के रूप में बैठे अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने कहा कि इस प्रस्ताव के जरिए यह वैश्विक संस्था, सभी संबंधित पक्षों को यह स्पष्ट संदेश भेज रही है कि सीरिया में हत्याओं को रोकने का और ऐसी सरकार के गठन की नींव रखने का समय आ गया है, जिसे कि उस युद्धरत धरती पर लंबे समय से पीड़ाएं झेलते आए लोग अपना समर्थन दे सकें.
उन्होंने जोर देकर कहा कि अमेरिका अपने गठबंधन सहयोगियों के साथ मिलकर आतंकी समूह आईएसआईएस को कमजोर करने और हराने के लिए प्रतिबद्ध है. केरी ने कहा, सच यह है कि सीरियाई जनता को एक वास्तविक विकल्प देने वाली एवं व्यापक तौर पर समर्थित कूटनीतिक प्रक्रिया से इतर ऐसा कुछ नहीं है जो आतंकियों के खिलाफ लड़ाई को मजबूती दे सके. सीरियाई जनता को मिलने वाला यह विकल्प राष्ट्रपति बशर असद या दाएश में किसी एक को चुनने का विकल्प नहीं है बल्कि यह तो युद्ध और शांति में से किसी एक को, हिंसक चरमपंथियों और एक नए सशक्त राजनीतिक केंद्र में से किसी एक को चुनने का अवसर है.