डीडीसीए यानी दिल्ली ज़िला क्रिकेट संघ में फ़िरोज़शाह कोटला स्टेडियम के पुनर्निमाण को लेकर हुए कथित वित्तीय घोटोलों के सामने आने के बाद दिल्ली सरकार ने जांच आयोग का गठन करने का निर्णय लिया है.
दिल्ली सरकार ने इस आयोग का अध्यक्ष बनने के लिए गोपाल सुब्रह्मण्यम से अनुरोध किया है.
इस बाबत मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आप पार्टी की सूचना को रिट्वीट करके जानकारी दी है.
इससे पहले कीर्ति आज़ाद ने रविवार शाम को दिल्ली के प्रेस क्लब में एक वीडियो और ऑडियो सीडी पत्रकारों को दिखाई.
इसमें उन्होंने फ़िरोज़शाह कोटला मैदान के पुर्ननिर्माण से जुड़े भुगतान में शामिल लगभग 14 कंपनियों के नाम-पतों के ग़लत और फ़र्ज़ी होने के आरोप लगाए.
कीर्ति आज़ाद ने यह भी कहा कि डीडीसीए में किराए के सामान में फ़िज़ूलख़र्ची की गई. उन्होंने उदाहरण दिया कि एक प्रिंटर का किराया 3000 रुपए और लैपटॉप का किराया 16000 रुपए प्रतिदिन दिया गया.
कीर्ति आज़ाद का कहना था कि उनका उद्देश्य किसी व्यक्ति विशेष का विरोध करना नहीं है.
इससे पहले ख़ुद दिल्ली सरकार ने भी डीडीसीए और उसके पूर्व अध्यक्ष अरुण जेटली के ख़िलाफ़ ऐसे आरोप लगाए थे. दिल्ली सरकार का आरोप था कि जेटली बताएं कि बीते छह सालों में उनकी संपति 24 करोड़ से बढ़कर 120 करोड़ रुपए कैसे हो गई.
दरअसल जेटली ने साल 2006 में डीडीसीए का कार्यभार संभाला था. ‘आप’ का आरोप है कि तभी से घोटाले चल रहे हैं.
जेटली अपनी ही पार्टी के सांसद कीर्ति आज़ाद और विरोधी ‘आप’ के सवालों में घिरे हैं.
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