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इस्राइल व फलस्तीन की यात्रा करेंगी सुषमा

यरुशलम : विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पश्चिम एशिया के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए अगले महीने इस्राइल और फलस्तीन की यात्रा करेंगी. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की अक्तूबर में पश्चिम एशिया की ऐतिहासिक यात्रा के बाद सुषमा 16 से 19 जनवरी के बीच क्षेत्र की यात्रा करेंगी. यहूदी देश को अतीत में एक ‘भरोसेमंद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 24, 2015 10:43 AM

यरुशलम : विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पश्चिम एशिया के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए अगले महीने इस्राइल और फलस्तीन की यात्रा करेंगी. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की अक्तूबर में पश्चिम एशिया की ऐतिहासिक यात्रा के बाद सुषमा 16 से 19 जनवरी के बीच क्षेत्र की यात्रा करेंगी. यहूदी देश को अतीत में एक ‘भरोसेमंद साथी’ बताने को लेकर विदेश मंत्री के पद पर सुषमा की नियुक्ति की इस्राइल ने काफी सराहना की थी. वह साल 2006-09 के बीच भारत-इस्राइल संसदीय मैत्री समूह की अध्यक्ष रही थी और उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान इस्राइल की यात्रा की थी.

एनडीए के सत्ता में आने के बाद इस्राइल में दोनों देशाें के बीच संबंध मजबूत होने की बात कही जाने लगी. साथ ही, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके इस्राइली समकक्ष बेंजामिन नेतन्याहू के बीच आपसी तालमेल मीडिया में चर्चा का विषय रहा है. नेतन्याहू को भारत की यात्रा का मुखर्जी ने न्योता दिया. इस्राइली प्रधानमंत्री ने निरंतर ही मोदी को अपना दोस्त कहा है और दोनों नेता संयुक्त राष्ट्र मंच से इतर दो बार मिले हैं.

इस्राइली नेता ने इस बात पर जोर दिया कि विभिन्न संभावित क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने की अनंत संभावनाएं हैं. दोनों देशों के बीच सहयोग में कृषि एक अहम क्षेत्र है जिसके मद्देनजर कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह स्वराज की यात्रा से कुछ दिन पहले इस्राइल की यात्रा करेंगे तथा और अधिक संभावनाएं तलाशेंगे. टपकन :ड्रिप: सिंचाई, जल प्रबंधन, नवीकरणीय उर्जा उन बडे क्षेत्रों में शामिल हैं जो प्रस्तावित यात्राओं के दौरान मुख्य केंद्र में रहेंगे.

भारत-इस्राइल रक्षा संबंध को संयुक्त उद्यमों के जरिए रेखांकित किया गया है. यहूदी देश प्रौद्योगिकी साझा करने में दिलचस्पी दिखा रहा है और यहां तक कि उत्पादों का संयुक्त विपणन कर रहा है. संयुक्त रुप से विकसित बराक आठ मिसाइल रोधी प्रणाली के हालिया परीक्षण ने ऐसे उद्यमों में भरोसा बनाया है जबकि कई अन्य परीक्षण होने हैं. रूस के बाद इस्राइल भारत के दूसरे सबसे बड़े रक्षा साजो सामान आपूर्तिकर्ता के तौर पर उभरा है.

स्वराज फलस्तीनी हितों का भारत के निरंतर समर्थन को जाहिर करने के लिए फलस्तीनी नेताओं से भी मिलेंगी. गौरतलब है कि भारत फलस्तीन में कई परियोजनाआें पर काम कर रहा है ताकि वहां के लोगाें का जीवन स्तर बेहतर हो सके.

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