साल 2015 ख़त्म होने को है. इस दौरान कुछ मुद्दों पर काफ़ी विवाद हुए तो कुछ ने पूरे देश का ध्यान अपनी अोर खींचा.
बीबीसी के कार्टूनिस्ट कीर्तीश की पैनी नज़र इन तमाम घटनाओं और मुद्दों पर रही.
उन्होंने इन मुद्दों पर कुछ कार्टून बनाए, जिन्होंने आपको गुदगुदाया, हंसाया और कभी कभी सोचने को मजबूर भी किया.
एक नज़र उनमें से कुछ कार्टूनों पर.
योग की इस साल ख़ूब चर्चा रही और नेताओं को भी योग करने की सलाह दी गई.
महाराष्ट्र में सिर्फ़ मराठी बोलने वाले ऑटो चालकों को ही परमिट देने के फरमान पर भी विवाद हुआ.
महंगाई ने भी इस साल लोगों को कम परेशान नहीं किया.
हर मुद्दे पर बोलने वाले मोदी पर कुछ मुद्दों पर चुप्पी साधने के आरोप लगे.
बीफ को लेकर हुए विवाद को कौन भूल सकता है.
असहिष्णुता उन कुछ शब्दों में शामिल रहा जिनकी गूंज बार बार सुनाई दी.
मैगी पर उठे सवालों के बीच रामदेव के नडूल्स बाज़ार में आए और उन पर बिना लाइसेंस उत्पादन करने के आरोप भी लगे.
सेंसर की कैंची और उसके मुखिया पहलाज निलहानी भी ख़ूब चर्चा में रहे.
सीबीआई के कामकाज पर इस साल भी सवाल उठे.
जाते जाते ये साल एक नए विवाद का गवाह बना और डीडीसीए में भ्रष्टाचार के आरोप लगे जिनके लपेटे में वित्त मंत्री अरुण जेटली भी आए.
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