13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

ईरान और अमेरिका में तनाव बढ़ा

तेहरान : ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी ने अमेरिका द्वारा उनके देश पर लगाये जा सकने वाले नये प्रतिबंधों की आलोचना की है. यदि ये प्रतिबंध लागू होते हैं तो इससे बेहद मुश्किल के साथ की गयी वह परमाणु संधि खतरे में पड़ सकती है, जिसका अंतिम क्रियान्वयन कुछ ही सप्ताह के भीतर होना है. […]

तेहरान : ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी ने अमेरिका द्वारा उनके देश पर लगाये जा सकने वाले नये प्रतिबंधों की आलोचना की है. यदि ये प्रतिबंध लागू होते हैं तो इससे बेहद मुश्किल के साथ की गयी वह परमाणु संधि खतरे में पड़ सकती है, जिसका अंतिम क्रियान्वयन कुछ ही सप्ताह के भीतर होना है. अपने रक्षामंत्री को लिखे पत्र में रुहानी ने कहा कि कल की खबरों में यह कहा गया था कि अमेरिकी वित्त विभाग की उन कंपनियों और लोगों को प्रतिबंधित सूची में डालने की योजना है, जिनके संबंध ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम से हैंं. यह ‘शत्रुतापूर्ण एवं अवैध हस्तक्षेप’ हैं और इसका जवाब देना बनता है.

रुहानी की यह टिप्पणी दोनों देशों के बीच रिश्ते और अधिक खराब हो जाने के बाद आई है. रिश्तों में और अधिक तनाव उस समय आ गया था, जब अमेरिकी रक्षा अधिकारियों ने कहा था कि एक ईरानी पोत ने पश्चिमी देशों के युद्धपोतों के पास कई रॉकेट दागे हैं. इन पश्चिमी युद्धपोतों में रणनीतिक होरमज जलडमरुमध्य में मौजूद यूएसएस हैरी एस ट्रूमैन विमान वाहक भी शामिल था. ईरान के शक्तिशाली रेवोल्यूशनरी गार्ड्स ने रॉकेट दागने में अपने पोतों के शामिल होने से से इंकार किया है. रेवोल्यूशनरी गार्ड्स इस जलडमरुमध्य में ईरान के हितों की सुरक्षा करते हैं. इस मार्ग से विश्वभर का तेल बडी मात्रा में होकर गुजरता है. यह बल इस क्षेत्र में नियमित गश्त और अभ्यास करता है.प्रवक्ता जनरल रमेजान शरीफ ने अमेरिका पर आरोप लगाया कि वह एक ‘मनोवैज्ञानिक अभियान’ के तहत 26 दिसंबर की कथित घटना की कहानी गढ रहा है.

उन्होंने कहा कि पिछले सप्ताह जिस दौरान होरमज जलडमरुमध्य क्षेत्र में मिसाइल या रॉकेट दागे जाने का अमेरिका ने दावा किया है, उस दौरान ‘द गार्ड्स’ नौसैन्य बल ने कोई अभ्यास ही नहीं किया था. एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा हालांकि रॉकेट किसी युद्धपोत की तरफ नहीं दागे गए थे लेकिन वे उनके और कई व्यवसायिक पोतों के काफी निकट थे. यह निकटता लगभग 1500 यार्ड की थी, जो कि बेहत तल्ख और भड़काऊ है. नए प्रतिबंधों की धमकी का जवाब देते हुए रुहानी ने बदले की चेतावनी दी. ईरान ने अमेरिका और पांच अन्य विश्व शक्तियों के साथ परमाणु संधि पर रुहानी के नेतृत्व में ही हस्ताक्षर किए थे.

रुहानी ने रक्षामंत्री हुसैन देहघन को लिखे पत्र में कहा, यदि लोगों को और कंपनियों को पहले की अन्यायपूर्ण प्रतिबंध सूची में डाला जाता है तो यह जरुरी हो जाता है कि सशस्त्र बलों के लिए जरुरी विभिन्न मिसाइलों का उत्पादन तेज गति एवं गंभीरता के साथ आगे बढाया जाए. राष्ट्रपति की ये टिप्पणियां उनके आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर भी डाली गईं. अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि जुलाई में परमाणु संधि के होने के पांच माह में ईरान ने दो बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें