रियाद : सउदी में आतंक के मामले में दोषी पाए गए 47 कैदियों को आज मौत दे दी गयी. मौत की सजा पाने वाले लोगों में एक शिया मौलवी भी शामिल है जिसने 2011 की अरब क्रांति के दौरान मुख्य भूमिका निभायी थी.
मौलवी शेख निम्र अल-निम्र को मौत की सजा मिलने के बाद सउदी अरब के पूर्वी हिस्से और बहरीन में केंद्रित अल्पसंख्यक शिया समुदाय के भड़कने की संभावना है. बहुसंख्यक सुन्नी समुदाय के नेतृत्व वाली सरकार से और अधिक अधिकारों की मांग करते हुए शिया समुदाय ने 2011 में प्रदर्शन किया था जिसके बाद से यहां हिंसा की छिटपुट घटनाएं ही देखी गयी है. सरकार संचालित सउदी प्रेस एजेंसी की ओर से जारी की गयी सूची में मौलवी का नाम शामिल है. एजेंसी ने गृहमंत्रालय को उद्धृत करते हुए यह सूचना दी है. सरकार संचालित टीवी ने भी मौत की सजा की खबर दी है.
सउदी अरब ने बताया कि जिन लोगों को मौत की सजा दी गयी है उनमें 45 सउदी अरब के नागरिक, एक चाड के नागरिक और एक अन्य मिस्र का नागरिक शामिल है. सउदी अरब ने बताया कि सभी अपीलों के समाप्त हो जाने के बाद शाही अदालत ने सजा पर अमल करने का आदेश जारी किया था.
सउदी अरब ने बताया कि राजधानी रियाद और 12 अन्य शहरों में आज सजा पर अमल की गयी.
अल-निम्र बहरीन में सुन्नी के नेतृत्व वाले राजतंत्र के मुखर आलोचक थे. 2011 में हुए शिया समुदाय के प्रदर्शन को यहां कठोरता पूर्वक दबा दिया गया था. बहरीन में प्रदर्शन को दबाने के लिए सउदी अरब ने अपनी सेना भेजा था.
2012 में अपनी गिरफ्तारी से पहले अल-निम्र ने लोगों से कहा था कि वैसे शासक को स्वीकार नही करो जो कि प्रदर्शनकारियों पर अत्याचार करता है और उनकी हत्या करता है. खबर के मुताबिक, मामले की सुनवाई के दौरान सउदी अरब के शाही परिवार के बारे में पूछे जाने पर मौलवी ने कहा था, ‘‘पूर्वी भाग में अगर शिया समुदाय पर होने वाले अत्याचार को रोक दिया जाता है, तो उस स्थिति में हमारे विचार अलग हो सकते हैं.’