तेहरान : ईरान ने आज कहा कि उसके साथ संबंध समाप्त करने के सऊदी अरब के निर्णय से रियाद की उस ‘‘बडी गलती’ से ध्यान नहीं भटकेगा जो उसने एक शीर्ष शिया धर्मगुरु को मौत की सजा देकर की है. सऊदी अरब ने ईरान में राजनयिक मिशनों पर हमलों के बाद ईरान के साथ राजनयिक संबंध समाप्त करने का निर्णय लिया है. आईआरएनए एजेंसी के अनुसार ईरान के उप विदेश मंत्री हुसैन आमिर अब्दुल्लाहियां ने कहा, कि संबंध तोड़ने का निर्णय लेकर सऊदी अरब एक धर्मगुरु को मौत की सजा देने की बड़ी गलती से दुनिया का ध्यान नहीं भटका सकता.
उन्होंने कहा कि सऊदी अरब ने लापरवाही और जल्दबाजी में निर्णय लेकर रणनीतिक भूल की है. इन फैसलों ने इलाके में अस्थिरता फैलाई है और आतंकवाद को बढाया है. निम्र अल निम्र को मौत की सजा दिए जाने का पश्चिम एशिया में शिया बहुल देशों में कड़ा विरोध हो रहा है. इस बीच लोगों की भीड ने तेहरान में सऊदी दूतावास और मशहाद शहर में एक वाणिज्य दूतावास पर हमला कर दिया.
इन हमलों के बाद सुन्नी बहुल सऊदी अरब ने शिया बहुल ईरान के साथ संबंध समाप्त कर लिए हैं जो लंबे समय से उसका क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वी है. दोनों देश हालिया वर्षों में सीरिया में युद्ध और यमन में संघर्ष को लेकर टकराव की स्थिति में है. ईरान सीरियाई शासन का समर्थन कर रहा है. यमन में सउदी नीत गठबंधन शिया विद्रोहियों के खिलाफ संघर्षरत है. अब्दुल्लाहियां ने पिछले कई वर्षों के अपने निचले स्तर पर पहुंची कच्चे तेल की कीमतों का जिक्र करते कहा कि सउदी अरबकि तेल की कीमतें नीचे लाने की अपनी साजिश से इलाके में मुस्लिम लोगों और अपने ही लोगों के हितों को नुकसान पहुंचा रहा है. ईरान और सउदी तेल के बडे उत्पादक हैं लेकिन सउदी अरब का उत्पादन का मौजूदा स्तर ईरान से बहुत अधिक है और तेल की कीमत की दिशा तय करने में इसकी प्रमुख भूमिका मानी जाती है.