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लंबा होता है शाकाहारियों का जीवन
शाकाहारी भोजन को हमेशा से ही स्वास्थ्य के लिए लाभदायक समझा जाता रहा है. लेकिन कुछ लोग यह मानते हैं कि बिना मांसाहारी भोजन के शरीर को पोषण मिलना मुश्किल है. हाल ही में आॅक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में हुए रिसर्च में पता चला है कि शाकाहारी लोग मांसाहारी लोगों की तुलना में अधिक उम्र तक जीते […]
शाकाहारी भोजन को हमेशा से ही स्वास्थ्य के लिए लाभदायक समझा जाता रहा है. लेकिन कुछ लोग यह मानते हैं कि बिना मांसाहारी भोजन के शरीर को पोषण मिलना मुश्किल है. हाल ही में आॅक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में हुए रिसर्च में पता चला है कि शाकाहारी लोग मांसाहारी लोगों की तुलना में अधिक उम्र तक जीते हैं. हाल ही में अमेरिकन जर्नल आॅफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन में आॅक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की यह रिपोर्ट छपी.
पैन्क्रियेटिक कैंसर और सांस से जुड़ी बीमारियां उन लोगों को अधिक होती हैं, जो रोज मीट खाते हैं. इसमें स्वास्थ्य से जुड़े अलग-अलग खतरों को ध्यान में रखते हुए रिसर्च की गयी. इस रिसर्च में पुरानी बीमारी, रोज मांसाहार करनेवाले, कभी-कभार मांसाहार करनेवाले, सिर्फ मछली खानेवाले और शाकाहारी लोगों, सबके लिए अलग-अलग नतीजे सामने आये.
नियमित तौर पर मीट खानेवालों के मुकाबले कभी-कभार मांसाहार करनेवालों की पैन्क्रियाज कैंसर और सांस की बीमारियों से 30-40% कम मौत होती है. पैन्क्रियाज कैंसर और सांस रोगों से जूझ रहे शाकाहारी, रोजाना मांसाहार करनेवालों से 50% ज्यादा जीते हैं. स्टडी के लिए सप्ताह में औसतन 5 बार मीट खानेवाले 18,431 लोगों, कभी-कभार मांस खानेवाले 13,039, मछली खानेवाले 8516 और 20,324 शाकाहारी लोग शामिल हुए.
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