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उ. कोरिया के उकसावे पर अमेरिका और चीन गंभीर, साथ मिलकर करेंगे कार्रवाई

वाशिंगटन : उत्तर कोरिया ने बुधवार को हाइड्रोजन बम का परीक्षण करके पूरी दुनिया का ध्‍यान अपने ओर खींच लिया है. उत्तर कोरिया ने इस परीक्षण को पूरी तरह से सफल बताने के बाद पूरी दुनिया ने कड़ी निंदा की है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने हाइड्रोजन बम परीक्षण के चलते उत्तर कोरिया के खिलाफ […]

वाशिंगटन : उत्तर कोरिया ने बुधवार को हाइड्रोजन बम का परीक्षण करके पूरी दुनिया का ध्‍यान अपने ओर खींच लिया है. उत्तर कोरिया ने इस परीक्षण को पूरी तरह से सफल बताने के बाद पूरी दुनिया ने कड़ी निंदा की है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने हाइड्रोजन बम परीक्षण के चलते उत्तर कोरिया के खिलाफ नई पाबंदी लगाने की चेतावनी दी है.

वहीं दूसरी ओर, उत्तर कोरिया के हाइड्रोजन बम का सफल परीक्षण करने के दावों के मद्देनजर अमेरिका और चीन ने उसकी ‘‘उकसावे की इस कार्रवाई” के खिलाफ उचित कदम उठाने के लिए निकटता से समन्वय स्थापित करने पर सहमति व्यक्त की है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी और उनके चीनी समकक्ष वांग यी ने उत्तर कोरिया की ‘‘अत्यधिक उकसावे की कार्रवाई” और अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा को इसके गंभीर खतरे के संबंध में फोन पर बातचीत की.

किर्बी ने कहा, ‘‘ अमेरिका के विदेश मंत्री और चीन के विदेश मंत्री वांग ने इस बात पर सहमति जताई कि अमेरिका और चीन इस मामले में उचित कार्रवाई करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और छह पक्षीय वार्ता तंत्र के साझीदारों के साथ निकटता से समन्वय स्थापित करना जारी रखेंगे।” इस बीच व्हाइट हाउस ने पुष्टि की कि अमेरिका संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के कई प्रस्तावों का ‘‘स्पष्ट उल्लंघन” करने पर उत्तर कारिया के खिलाफ उचित अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया के संबंध में दक्षिण कोरिया समेत क्षेत्र में अपने सहयोगियों के साथ विचार विमर्श कर रहा है.

व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जोश अर्नेस्ट ने कहा, ‘‘ इस मामले को लेकर और उत्तर कोरिया की उकसावे की कार्रवाई से निपटने के लिए उचित रुख को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय पहले कभी इतना एकजुट नहीं हुआ. इसके परिणामस्वरुप उत्तर कोरिया का शासन पहले से कहीं अधिक अलग थलग पड गया है.” उन्होंने कहा, ‘‘यह उत्तर कोरिया के लिए स्पष्ट करता है कि उनके पास उस अत्यंत गरीबी और उस अत्यंत एकाकीपन से निपटने का एक मात्र रास्ता है जिससे उसके लाखों नागरिक पीडित हैं. यह रास्ता है कि वे उकसावे की अपनी कार्रवाई रोकें.”

उन्होंने कहा कि उन्हें इसके लिए मिसाइल और परमाणु परीक्षण बंद करने होंगे.” अर्नेस्ट ने कहा, ‘‘ इसका यह भी अर्थ हुआ कि उसे कोरियाई प्राय:द्वीप को परमाणु हथियारों से मुक्त करने और प्राय:द्वीप में शांति एवं स्थिरता स्थापित करने की दिशा में काम करने की प्रतिबद्धता व्यक्त करनी होगी.” उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के इस घोर उल्लंघन के कारण चीन और रुस जैसे उत्तर कोरिया के कुछ निकट सहयोगियों ने भी उसकी निंदा की है.

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