इस्लामबाद :पठानकोट आतंकी हमले को लेकर भारत की ओर से निर्णायक कार्रवाई की मांग किए जाने की पृष्ठभूमि में पाकिस्तान ने इस हमले की कथित तौर पर साजिश रचने वाले जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर को आज हिरासत में लिया तथा उसके भाई एवं संगठन से जुडे कई व्यक्तियों को भी पकडा है. इस संगठन के कार्यालयों को भी सील किया गया है. जियो टीवी के अनुसार अजहर के भाई अब्दुल रहमान रउफ को भी गिरफ्तार किया गया है.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी विज्ञप्ति में कई व्यक्तियों को गिरफ्तार किए जाने का ऐलान किया गया, लेकिन अजहर को हिरासत में लिए जाने को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया.
अधिकारियों ने कहा कि जैश के कई कार्यालयों पर छापा मारे जाने के बाद अजहर को ऐहतियातन हिरासत में लिया गया है. मसूद अजहर और दो अन्य आतंकवादियों को कंधार विमान अपहरण के समय छोडा गया था. पाकिस्तान अपने एक विशेष जांच दल को पठानकोट भेजने पर भी विचार कर रहा है क्योंकि भारत के सहयोग की प्रक्रिया को आगे बढाने के लिए और सूचना की दरकार होगी.
पाकिस्तान की ओर से यह कार्रवाई उस वक्त की गई है जब भारतीय विदेश सचिव एस जयशंकर के प्रस्तावित बातचीत के लिए इस्लामाबाद जाने में सिर्फ दो दिन बचे हुए हैं. प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में पाकिस्तान की कार्रवाई की समीक्षा की गई है. भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय समग्र वार्ता की बहाली के लिए विदेश सचिव स्तरीय वार्ता होने वाली है.भारत का मानना है कि मौलाना मसूद अजहर की अगुवाई वाले जैश-ए-मोहम्मद से जुडे आतंकी बीते दो जनवरी को हुए पठानकोट हमले में शामिल थे. इस हमले में सात भारतीय सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे. उच्च स्तरीय बैठक के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के अनुसार अपनी धरती से आतंकवाद के खात्मे की पाकिस्तान की प्रतिबद्धता तथा कहीं भी आतंकवादी गतिविधियों के लिए अपने क्षेत्र का उपयोग करने नहीं देने के उसके राष्ट्रीय संकल्प के संदर्भ में अब तक की कार्रवाई का संतोष के साथ संज्ञान लिया गया है.
उसने कहा, ‘‘पठानकोट की घटना से कथित तौर पर जुडे आतंकवादी तत्वों के खिलाफ की जा रही जांच में काफी प्रगति हुई है.’ बयान में कहा गया है, ‘‘पाकिस्तान में शुरुआती जांच और प्रदान की सूचना के अनुसार जैश-ए-मोहम्मद से जुडे कई व्यक्तियों को पकडा गया है. संगठन के कार्यालयों का पता किया जा रहा है और उन्हें सील किया जा रहा है. आगे की जांच जारी है.’ प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के अनुसार सहयोगात्मक भावना को देखते हुए यह फैसला किया गया कि प्रक्रिया को आगे बढाने के क्रम में अतिरिक्त सूचना की जरुरत होगी जिसके लिए पाकिस्तान सरकार भारत सरकार से विचार-विमर्श के साथ एक एसआईटी को पठानकोट भेजने पर विचार कर रही है.
इसमें कहा गया है, ‘‘बैठक में यह बात दोहराई गई कि आतंकवाद का मुकाबला करने और इसे पूरी तरह खत्म करने के हमारे फैसले के क्रम में पाकिस्तान इस मुद्दे पर भारत के साथ संपर्क में बना रहेगा .’ सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ, आईएसआई के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल रिजवान अख्तर, गृह मंत्री निसार अली खान, वित्त मंत्री इसहाक डार, विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज, पंजाब के मुख्यमंत्री शाहबाज शरीफ और दूसरे वरिष्ठ अधिकारी बैठक में मौजूद थे.
पिछले सप्ताह भारत ने पाकिस्तान से दो टूक कहा था कि विदेश सचिव स्तर की बातचीत का भविष्य पठानकोट हमले को लेकर इस्लामाबाद की ‘त्वरित एवं निर्णायक’ कार्रवाई पर निर्भर है. इस हमले के संदर्भ में उसने पाकिस्तान को ‘कार्रवाई करने योग्य खुफिया जानकारी’ प्रदान की थी.
एक अधिकारी ने कहा कि अब तक करीब 12 चरमपथियों को पकडा जा चुका है और उनसे पूछताछ की जा रही है. उन्होंने कुछ दूसरी सूचनाएं देने से इंकार कर दिया जैसे कि इन लोगों को कहां रखा गया है अथवा उनको कब अदालत में पेश किया जाएगा. पठानकोट वायुसेना अड्डे पर दो जनवरी को आतंकवादी हमला हुआ था और यहां हमला करने वाले आतंकवादियों के खात्मे का अभियान चार दिनों तक चला. सुरक्षा बलों ने सभी छह आतंकवादियों को मार गिराया था.
विदेश सचिव स्तर की बातचीत का भविष्य पठानकोट आतंकी हमले को लेकर इस्लामाबाद की ‘त्वरित और निर्णायक’ कार्रवाई पर निर्भर होने की बात भारत की ओर से दो टूक कहे जाने के बाद पाकिस्तान ने आज इस हमले की कथित तौर पर साजिश रचने वाले जैश-ए-मोहम्मद सेजुड़े कई व्यक्तियों को हिरासत में लिया और इस संगठन के कार्यालयों को सील कर दिया.पाकिस्तान अपने एक विशेष जांच दल को पठानकोट भेजने पर भी विचार कर रहा है क्योंकि भारत के सहयोग की प्रक्रिया को आगेबढ़ाने के लिए और सूचना की दरकार होगी.
पाकिस्तान की ओर से यह कार्रवाई उस वक्त कीगयी है जब भारतीय विदेश सचिव एस जयशंकर के प्रस्तावित बातचीत के लिए इस्लामाबाद जाने में सिर्फ दो दिन बचे हुए हैं. प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में पाकिस्तान की कार्रवाई की समीक्षा की गयी है. भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय समग्र वार्ता की बहाली के लिए विदेश सचिव स्तरीय वार्ता होने वाली है.
भारत का मानना है कि मौलाना मसूद अजहर की अगुवाई वाले जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े आतंकी पठानकोट हमले मेंशामिल थे. इस हमले में सात भारतीय सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे. मसूद अजहर को कंधार विमान अपहरण के समय छोड़ा गया था.
उच्च स्तरीय बैठक के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के अनुसार अपनी धरती से आतंकवाद के खात्मे की पाकिस्तान की प्रतिबद्धता तथा कहीं भी आतंकवादी गतिविधियों के लिए अपने क्षेत्र का उपयोग करने नहीं देने के उसके राष्ट्रीय संकल्प के संदर्भ में अब तक की कार्रवाई का संतोष के साथ संज्ञान लिया गया है.
उसने कहा, ‘‘पठानकोट की घटना से कथित तौर पर जुड़े आतंकवादी तत्वों के खिलाफ की जा रही जांच में काफी प्रगति हुई है.’बयान में कहा गया है, ‘‘पाकिस्तान में शुरुआती जांच और प्रदान की सूचना के अनुसार जैश-ए-मोहम्मद सेजुड़े कई व्यक्तियों को पकड़ा गया है. संगठन के कार्यालयों का पता किया जा रहा है और उन्हें सील किया जा रहा है. आगे की जांच जारी है.’ प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के अनुसार सहयोगात्मक भावना को देखते हुए यह फैसला किया गया कि प्रक्रिया को आगे बढाने के क्रम में अतिरिक्त सूचना की जरूरत होगी जिसके लिए पाकिस्तान सरकार भारत सरकार से विचार-विमर्श के साथ एक एसआइटी को पठानकोट भेजने पर विचार कर रही है.
इसमें कहा गया है, ‘‘बैठक में यह बात दोहराई गयी कि आतंकवाद का मुकाबला करने और इसे पूरी तरह खत्म करने के हमारे फैसले के क्रम में पाकिस्तान इस मुद्दे पर भारत के साथ संपर्क में बना रहेगा.’ सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ, आइएसआइ के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल रिजवान अख्तर, गृह मंत्री निसार अली खान, वित्त मंत्री इसहाक डार, विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज, पंजाब के मुख्यमंत्री शाहबाज शरीफ और दूसरे वरिष्ठ अधिकारी बैठक में मौजूद थे.
पिछले सप्ताह भारत ने कहा था कि विदेश सचिव स्तर की बातचीत का भविष्य पठानकोट हमले को लेकर इस्लामाबाद की ‘त्वरित एवं निर्णायक’ कार्रवाई पर निर्भर है. इस हमले के संदर्भ में उसने पाकिस्तान को ‘कार्रवाई करने योग्य खुफिया जानकारी’ प्रदान की थी.
एक अधिकारी ने कहा कि अब तक करीब 12 चरमपथियों को पकड़ा जा चुका है और उनसे पूछताछ की जा रही है.उन्होंने कुछ दूसरी सूचनाएं देने से इनकार कर दिया जैसे कि इन लोगों को कहां रखा गया है अथवा उनको कब अदालत में पेश किया जाएगा.