जकार्ता हमला पेरिस हमले की नकल

जकार्ता : इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में आज सुबह हुए सीरियल बम ब्लास्ट के बाद स्थिति को सुरक्षा बलों ने नियंत्रण में ले लिया है. शहर में सात जगहों पर हुए धमाकों मे सात लोगों के मारे जाने की खबर है. मृतकों में 3 पुलिसकर्मी और 4 आम नागरिक शामिल हैं. सात धमाकों में दो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 14, 2016 2:59 PM

जकार्ता : इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में आज सुबह हुए सीरियल बम ब्लास्ट के बाद स्थिति को सुरक्षा बलों ने नियंत्रण में ले लिया है. शहर में सात जगहों पर हुए धमाकों मे सात लोगों के मारे जाने की खबर है. मृतकों में 3 पुलिसकर्मी और 4 आम नागरिक शामिल हैं. सात धमाकों में दो संयुक्‍त राष्‍ट्र दफ्तर के पास मौजूद स्टारबक्स कैफ़े के पास हुए. राष्ट्रपति जोको विडोडो ने इसे आतंकी हमला करार दिया है और शक की सुई आईएस आतंकियों की ओर है हालांकि सुरक्षा बलों ने कहा है कि ऐसे कोई प्रमाण नहीं मिले हैं जिससे यह कहा जा सके कि धमाकों में इस्लामिक स्टेट का हाथ है. फिलहाल हमले की जिम्मेदारी किसी संगठन ने नहीं ली है.

जकार्ता हमले पर इंडोनेशिया पुलिस ने कहा कि धमाकों के बाद स्थिति को नियंत्रण में कर लिया गया है. ऐसा लगता है कि हमलावरों ने पेरिस हमले की कॉपी की है. इस हमले के संबंध में पिछले महीने ही धमकी दी गयी थी जिसके बाद सरकार ने धार्मिक स्थलों एयरपोर्ट और सार्वजनिक स्थल पर 150,000 सुरक्षाबलों को तैनात किया था. सबसे अधिक सुरक्षाबलों की तैनाती क्रिसमस और नए साल में की गयी थी जिसे जनवरी के पहले सप्ताह में हटालिया गया था.

हमला किसने और क्यों किया, इसकी कोई पुष्ट खबर नहीं मिली है. जानकारों की माने तो हमला कट्टर इस्लामिक धर्म गुरु अबू बकर बशीर को मिली सजा से जुड़ा हो सकता है. गौरतलब है कि 77 साल के अबू बकर को इंडोनेशिया में आतंक का कैंप लगाने पर 15 साल की सजा 2011 में कोर्ट ने सुनायी थी. बकर के समर्थकों ने इस सजा को चुनौती दी थी जिस पर कल इंडोनेशिया कोर्ट ने सजा 15 साल से घटाकर 9 साल कर दी थी.

माना जा रहा है कि आज हुए हमले का यह भी एक कारण हो सकता है. उल्लेखनीय है कि इंडोनेशिया में 2000 और 2009 के बीच इस्लामी कट्टरपंथियों ने कई बडे बम हमले किए. इनमें 2002 में बाली द्वीप के एक रिजार्ट पर हुआ हमला भी शामिल है. उस हमले में 202 लोग मारे गए थे.

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