वाशिंगटन : डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों की ओर से भारतीय-अमेरिकी रिपब्लिकन गवर्नर निकी हेली को निर्वासित करने की अपील को एशियाई अमेरिकी नेताओं ने ‘मूर्खतापूर्ण’ और ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया है और अमेरिका में धर्म एवं नस्ल के आधार पर लोगों को निशाना बनाने वाली राजनीति की आलोचना की है. एएपीआई विक्टरी फंड के अध्यक्ष शेखर नरसिम्हा ने कल कहा, ‘‘:निक्की हेली के: निर्वासन के सवाल का जवाब देने की कोई जरुरत नहीं है.
ऐसी मांग मूर्खतापूर्ण है.” ज्ञात हो कि भारतीय मूल की अमेरिकी रिपब्लिकन गवर्नर निक्की हेली को बुधवार को अपनी ही पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारी डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों की आलोचना का सामना करना पडा था क्योंकि उन्होंने मेहनती लोगों को अमेरिका में खुद को अवांछनीय महसूस करवा सकने वाली बयानबाजी की आलोचना करते हुए अपने परिवार के आव्रजन अनुभव का जिक्र किया था. एएपीआई विक्टरी फंड के उद्घाटन के अवसर पर एक सवाल के जवाब में नरसिम्हा ने कहा, ‘‘हम सबने हेली को सुना.” एएपीआई का उद्देश्य एशियाई अमेरिकियों को नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव में बाहर आने और वोट डालने के लिए प्रोत्साहित करना है.
एएपीआई विक्टरी फंड के सहसंस्थापक और उपाध्यक्ष दिलावर सईद ने कहा, ‘‘रिपब्लिकन पार्टी की उम्मीदवारी के प्रमुख दावेदार ने जो कहा है, एशियाई अमेरिकी समुदाय उसके खिलाफ है. निश्चित तौर पर। लेकिन दुर्भाग्य से यह पूरी तरह अनापेक्षित नहीं है.” सईद ने कहा, ‘‘इस चुनावी मौसम में हमने कई भयावह बातेंं सुनी हैं. निश्चित तौर पर विभाजनकारी, बेहद घृणा और कट्टरता की स्तब्ध कर देने वाली बात चल रही है. यह गैर-अमेरिकी है. यह खतरनाक है. समय आ गया है कि समुदाय इसके समक्ष उठ खडा हो.”
उन्होंने इस तरह की बयानबाजी को अस्वीकार्य बताते हुए कहा, ‘‘क्योंकि हम एकसाथ मिलकर काम तो कर रहे हैं और अपने संसाधनों को एक मंच पर तो ला रहे हैं लेकिन हम तेजी से बढते मतदाताओं को, सबसे ज्यादा रणनीतिक मतदाताओं को और सबसे प्रभावशाली मतदाताओं को इन मुद्दों पर एकजुट भी कर रहे हैं.” वर्जीनिया के सीनेटर टिम काइने ने कहा कि हेली के खिलाफ की गई ऐसी टिप्पणियां ‘बेहद दुर्भाग्यपूर्ण’ हैं. सईद ने कहा कि इस किस्म की बयानबाजी बढी है. इसमें नस्ली टिप्पणियों से लेकर एशियाई लहजे का मजाक बनाने तक और एशिया से मिलने वाली आर्थिक प्रतियोगिता से लेकर चरमपंथियों द्वारा आतंकी कृत्यों को अंजाम देने के लिए एशिया-प्रशांत के निवासियों को जिम्मेदार ठहराना तक शामिल है.