ISIS को नष्ट करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समन्वय की आवश्यकता : ओबामा

वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इंडोनेशिया और विश्व के अन्य हिस्सों में हुए आतंकवादी हमलों के मद्देनजर खूंखार इस्लामिक स्टेट आतंकवादी संगठन को कमजोर बनाने और उसे नष्ट करने के लिए कई वैश्विक साझीदारों के बीच समन्वय और सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया. व्हाइट हाउस ने कहा, ‘ओबामा ने आईएसआईएल को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 16, 2016 1:08 PM

वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इंडोनेशिया और विश्व के अन्य हिस्सों में हुए आतंकवादी हमलों के मद्देनजर खूंखार इस्लामिक स्टेट आतंकवादी संगठन को कमजोर बनाने और उसे नष्ट करने के लिए कई वैश्विक साझीदारों के बीच समन्वय और सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया. व्हाइट हाउस ने कहा, ‘ओबामा ने आईएसआईएल को कमजोर बनाने और नष्ट करने के लिए हमारी मुहिम की तीव्रता पर बातचीत करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक बुलायी.’

राष्ट्रपति को रमादी को वापस अपने कब्जे में लेने की दिशा में इराकी सुरक्षा बलों की हालिया प्रगति के बारे में बताया गया. उन्हें इराक और सीरिया में सभी संभावित मोर्चों पर सैन्य मुहिम को तेज और एकीकृत करने के लिए ग्लोबल कोअलिशन टू काउंटर आईएसआईएल में अमेरिका और उसके साझेदारों के प्रयास के बारे में बताया गया.

ओबामा ने राष्ट्रीय सुरक्षा दल को अपना सैन्य सहयोग बढाने के लिए अमेरिकी साझेदारों के साथ काम करने, विदेशी लडाकू नेटवर्कों को नष्ट करने, सीरिया एवं इराक के बाहर आईएसआईएल के विस्तार को रोकने, आईएसआईएल का वित्तपोषण रोकने, आईएलआईएल के बाहरी षडयंत्र प्रयासों को बाधित करने और आईएलआईएल के का प्रचार एवं उनके संदेशों को रोकने समेत आईएसआईएल को नष्ट एवं कमजोर करने के जारी प्रयासों को और तेज करते रहने का निर्देश दिया.

व्हाइट हाउस ने कहा, ‘राष्ट्रपति ने जोर दिया कि आईएसआईएल को कमजोर एवं नष्ट करने के लिए कई वैश्विक साझीदारों के बीच सहयोग एवं समन्वय की आवश्यकता बनी रहेगी और अमेरिका ग्लोबल कोअलिशन टू काउंटर आईएसआईएल के साझे प्रयासों का नेतृत्व करते रहने के लिए दृढता से प्रतिबद्ध है.’ इससे पहले व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जोश अर्नेस्ट ने कहा कि जकार्ता में हुए हमले हिंसा, तबाही और आईएसआईएल की प्राणघातक विचारधारा फैलाने की आईएसआईएल की क्षमता को दर्शाते हैं.

उन्होंने कहा, ‘पहली चिंता विदेशी लडाकों की है. आईएसआईएल के साथ काम करने के लिए इराक और सीरिया में विश्वभर से लोग आये हैं. इस बात को लेकर निश्चित ही चिंता है कि ये लोग स्वदेश लौटने के लिए अपने विदेशी पासपोर्टों का इस्तेमाल कर सकते हैं और हिंसा के कृत्यों को संगठित कर सकते हैं और उन्हें अंजाम दे सकते हैं.’ अर्नेस्ट ने कहा, ‘इंडोनेशिया से कई लोग आईएसआईएल के साथ जुडने के लिए इराक और सीरिया गये हैं और इसलिए विदेशी लडाकों से बडा खतरा है जिसके बार में इंडोनेशियाई जानते हैं. यह भी एक ऐसी चिंता है जिसके बारे में राष्ट्रपति जानते है.’

चिंता का दूसरा बडा कारण वह तरीका है, जिसके जरिए आईएसआईएल अपनी विचारधारा फैलाने और लोगों को कट्टरपंथी बनाने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहा है. उन्होंने कहा, ‘इसलिए हमने लोगों को कट्टरपंथी बनाने के ऑनलाइन प्रयासों को रोकने की कोशिश करने के लिए यहां अमेरिका और विश्व भर में अपने आक्रामक प्रयास बढा दिये हैं.’

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