एशियाई ढांचागत निवेश बैंक शुरू, चीन के राष्ट्रपति ने किया उद्घाटन
बीजिंग : चीन की अगुवाई वाले ‘एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट बैंक (एआईआईबी) की आज यहां शुरुआत हो गयी. चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने आज इसका उद्घाटन किया. भारत इस बैंक में दूसरा बड़ा शेयरधारक है. चिनफिंग ने कहा कि इस बैंक के शुरू होने से एशिया क्षेत्र में ढांचागत विकास को बढ़ावा मिलेगा और वैश्विक […]
बीजिंग : चीन की अगुवाई वाले ‘एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट बैंक (एआईआईबी) की आज यहां शुरुआत हो गयी. चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने आज इसका उद्घाटन किया. भारत इस बैंक में दूसरा बड़ा शेयरधारक है. चिनफिंग ने कहा कि इस बैंक के शुरू होने से एशिया क्षेत्र में ढांचागत विकास को बढ़ावा मिलेगा और वैश्विक आर्थिक संचालन में बेहतरी आयेगी.
बैंक खुलने के अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुये चिनफिंग ने कहा, यह ऐतिहासिक क्षण है. उन्होंने कहा कि एआईआईबी, ब्रिक्स देशों के नव विकास बैंक के साथ ढांचागत क्षेत्र की परियोजनाओं के लिये वित्तपोषण की बेहतर सुविधायें देंगे. इसमें यह विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक के समक्ष प्रतिस्पर्धा करेंगे. एआईआईबी में 57 संस्थापक सदस्य हैं. यह बैंक बीजिंग में स्थित होगा. अमेरिका और जापान इस बैंक से बाहर हैं. इन दोनों देशों की विश्व बैंक, आईएमएफ और एडीबी जैसे बहुपक्षीय वित्तीय एजेंसियों में अहम भूमिका है. अमेरिका और जापान ने एआईआईबी के खुलने पर एतराज जताया है.
अतिरिक्त सचिव वित्त दिनेश शर्मा के नेतृत्व में एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने आज के समारोह में शिरकत की. समारोह को राष्ट्रपति शी चिनफिंग के अलावा प्रधानमंत्री ली क्विंग ने भी संबोधित किया. एआईआईबी 100 अरब डालर की प्राधिकृत पूंजी और 50 अरब डालर की चुकता पूंजी वाला बैंक है. यह बैंक ऊर्जा, परिवहन, शहरी निर्माण और शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल सहित सुविधाओं वाले दूसरे क्षेत्रों में निवेश को प्रोत्साहित करेगा.
बैंक में 26.06 प्रतिशत मतदान हिस्से के साथ चीन सबसे बड़ा शेयरधारक है. इसके बाद 7.5 प्रतिशत के साथ भारत दूसरा, 5.93 प्रतिशत के साथ रूस तीसरा और जर्मनी के पास 4.5 प्रतिशत मतदान का अधिकार है. शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि भारत ने वित्तपोषण के लिये अपनी ढांचागत परियोजनाओं की एक सूची एआईआईबी को सौंपी है.