सुषमा स्वराज ने की फलस्तीन के विदेश मंत्री से बातचीत

रामल्ला : विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने फलस्तीन को लेकर भारत की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को फिर से व्यक्त करने के उद्देश्य से यहां पश्चिम एशियाई क्षेत्र की अपनी पहली यात्रा शुरु करते हुए आज अपने फलस्तीनी समकक्ष से बातचीत की. फलस्तीन के एशिया मामलों के सहायक विदेश मंत्री माजेन शामियेह ने बितुनिया चौकी पर सुषमा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 17, 2016 8:08 PM

रामल्ला : विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने फलस्तीन को लेकर भारत की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को फिर से व्यक्त करने के उद्देश्य से यहां पश्चिम एशियाई क्षेत्र की अपनी पहली यात्रा शुरु करते हुए आज अपने फलस्तीनी समकक्ष से बातचीत की. फलस्तीन के एशिया मामलों के सहायक विदेश मंत्री माजेन शामियेह ने बितुनिया चौकी पर सुषमा की आगवानी की. सुषमा इस्राइल के रास्ते फलस्तीनी इलाके में आईं. सुषमा यहां पहुंचने के फौरन बाद अपने समकक्ष रियाद अल-मलिकी से मिलीं. उन्होंने यहां महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि भी अर्पित की.

फलस्तीनी पक्ष ने सहयोग के व्यापक क्षेत्रों में भारत के रख की सराहना करते हुए फलस्तीन को लेकर भारत के सतत समर्थन पर संतोष जताया. फलस्तीनी के विदेश मंत्रालय के मीडिया विभाग के प्रमुख डॉ. वाएल अल-बत्तरेखी ने पीटीआई से कहा कि भारतीय मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि फलस्तीन के मुद्दे पर भारत का रख बदला नहीं है और हमारे मंत्री ने दोनों पक्षों के बीच मजबूत होते संबंधों पर संतोष व्यक्त किया. फलस्तीनियों ने पिछले साल संयुक्त राष्ट्र के एक फोरम पर भारत के वोट पर हैरानी जताई थी लेकिन बाद में कहा था कि वे भारत की सैद्धांतिक स्थिति को समझते हैं.

भारत पिछले साल पहली बार संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार संस्थान में अपनाये गये फलस्तीन के एक प्रस्ताव पर मतदान से दूर रहा था जिसमें गाजा में 2014 के संघर्ष में शामिल पक्षों द्वारा जवाबदेही की वकालत की गयी है. हालांकि भारत का कहना था कि फलस्तीनी हितों को समर्थन देने की भारत की दीर्घकालिक स्थिति में कोई बदलाव नहीं किया गया है. बत्तरेखी ने कहा कि हालांकि विदेश मंत्रियों की बैठक में ऐसा कोई मुद्दा नहीं उठा. अल-मलिकी ने भी फलस्तीन में क्षमता निर्माण प्रक्रिया को बढ़ाने के भारत के सतत प्रयासों के लिए आभार जताया.

भारत हर साल फलस्तीनी युवाओं को कई छात्रवृत्ति देता रहा है. उसने पश्चिमी तटीय क्षेत्र में एक बालिका विद्यालय की शुरुआत की और सुषमा स्वराज का आज भारत..फलस्तीन डिजिटल लर्निंग एंड इनोवेशन सेंटर का शुभारंभ करने का भी कार्यक्रम है. सुषमा की यात्रा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की इस क्षेत्र की ऐतिहासिक यात्रा के तीन महीने बाद हो रही है. मुखर्जी इस क्षेत्र की यात्रा करने वाले भारत के पहले राष्ट्राध्यक्ष हैं. इससे पहले कल शाम तेल अवीव में हवाईअड्डे पर पहुंचने पर इस्राइली अधिकारियों ने सुषमा स्वराज का शानदार स्वागत किया. सुषमा आज बाद में फलस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास से मुलाकात करेंगी. वह फलस्तीन के करिश्माई नेता दिवंगत यासर अराफात की कब्र पर भी श्रद्धांजलि देंगी.

फलस्तीन की यात्रा के समाप्त होने के बाद वह दो दिन की यात्रा पर फिर इस्राइल जाएंंगी और इस दौरान इस्राइल के शीर्ष नेताओं से बातचीत कर दोनों देशों के बीच सहयोग के विविध क्षेत्रों की समीक्षा करेंगी. सुषमा का इस्राइल के राष्ट्रपति रेउविन रिवलिन, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतनयाहू से मिलने का कार्यक्रम है. नेतनयाहू के पास विदेश मंत्रालय का प्रभार भी है. सुषमा का इस्राइल के रक्षा मंत्री मोशे यालो, इन्फ्रास्ट्रक्चर मंत्री युवाल स्टीनित्ज और उप विदेश मंत्री सिपी होतोवेली से मुलाकात का भी कार्यक्रम है. इस्राइल में एक बडा वर्ग सुषमा स्वराज की यात्रा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस क्षेत्र की संभावित यात्रा की तैयारी के तौर पर देख रहा है. नेतनयाहू और रिवलिन भी अक्तूबर में प्रणब मुखर्जी की यात्रा के दौरान उनसे मिले निमंत्रण के आधार पर भारत की यात्रा कर सकते हैं.

Next Article

Exit mobile version