चीन की सरकारी मीडिया ने ताइवान के राष्ट्रपति को चेताया

बीजिंग : चीन की सरकारी मीडिया ने आज ताइवान की नवनिर्वाचित राष्ट्रपति त्साई इंग वेन को स्वतंत्रता समर्थक मार्ग अपनाने के खिलाफ चेतावनी दी और कहा कि मुख्य भूमि से औपचारिक रूप से अलग होने से उनके लिए सारे रास्ते बंद हो जाएंगे. त्साई और उनकी डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी ने शनिवार को भारी जीत दर्ज […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 18, 2016 3:23 PM

बीजिंग : चीन की सरकारी मीडिया ने आज ताइवान की नवनिर्वाचित राष्ट्रपति त्साई इंग वेन को स्वतंत्रता समर्थक मार्ग अपनाने के खिलाफ चेतावनी दी और कहा कि मुख्य भूमि से औपचारिक रूप से अलग होने से उनके लिए सारे रास्ते बंद हो जाएंगे. त्साई और उनकी डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी ने शनिवार को भारी जीत दर्ज की क्योंकि मतदाताओं ने चीन के साथ करीबी संबंधों को अहमियत नहीं दी. डीपीपी परंपरागत रुप से स्वतंत्रता समर्थक रही है, लेकिन त्साई ने यथास्थिति बनाए रखने का वायदा करते हुए पार्टी के रुख में थोड़ी नरमी दिखाई है.

चाइनीज एकाडमी ऑफ सोशल साइंसेज में इंस्टिट्यूट ऑफ ताइवान स्टडीज के प्रमुख झू झिहुआई ने ग्लोबल टाइम्स के चीनी संस्करण में लिखा कि यदि त्साई मुख्यभूमि से रास्ते जुदा करती हैं तो उनके लिए सभी रास्ते बंद हो जाएंगे. झू ने कहा कि बीजिंग उनके :त्साई: बारे में किसी गफलत में नहीं रहेगा.उन्होंने कहा कि संबंध कि शांति के मार्ग पर जाते हैं या शत्रुता के मार्ग पर, यह चुनना त्साई इंग वेन पर निर्भर करता है. यद्यपि ताइवान 1949 में गृहयुद्ध में चीन से अलग होने के बाद से एक स्वशासित देश है, लेकिन इसने अब तक स्वतंत्रता की घोषणा नहीं की है. बीजिंग इसे अपना हिस्सा मानता है तथा इसके फिर से चीन में शामिल होने का इंतजार कर रहा है.

त्साई और उनकी पार्टी डीपीपी को मतदाताओं ने इसलिए भारी जीत दिलायी क्योंकि वे चीन के प्रति निवर्तमान राष्ट्रपति मा यिंग जी ओयू के मित्रवत रुख से असहज महसूस कर रहे थे. यिंग कूमिंतांग पार्टी से ताल्लुक रखते हैं. अपनी जीत के तुरंत बाद त्साई ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया से अपनी पहली टिप्पणी में चीन को चेतावनी दी कि दमन से संबंधों को नुकसान पहुंचेगा. उन्होंने कहा कि कि हमारी लोकतांत्रिक प्रणाली, राष्ट्रीय पहचान और अंतरराष्ट्रीय हैसियत का सम्मान किया जाना चाहिए. चाइना डेली के सोमवार के अंग्रेजी संस्करण में कहा गया कि चुनाव में कूमिंताग की हार बीजिंग के प्रति उसके मित्रवत रुख की बजाय बढती बेरोजगारी और असमानता की वजह से हुई. लेकिन इसने कहा कि मुख्यभूमि के प्रति त्साई की नीति अस्पष्ट बनी हुई है.

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