रोहित आत्महत्या करने वालों में से नहीं था: एबीवीपी नेता
इमरान क़ुरैशी वरिष्ठ पत्रकार, बीबीसी हिंदी डॉट कॉम के लिए सुशील का कहना है कि रोहित के मामले की पूरी जांच होनी चाहिए. दो दिन तक भूमिगत रहने के बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की हैदराबाद शाखा के अध्यक्ष सुशील कुमार मंगलवार को सबके सामने आए और उन्होंने रोहित वेमुला की आत्महत्या के मामले की […]
दो दिन तक भूमिगत रहने के बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की हैदराबाद शाखा के अध्यक्ष सुशील कुमार मंगलवार को सबके सामने आए और उन्होंने रोहित वेमुला की आत्महत्या के मामले की जांच की मांग की.
सुशील कुमार ही वो व्यक्ति हैं जिनके साथ रोहित समेत पांच दलित छात्रों का कथित तौर पर झगड़ा हुआ और उसके बाद केंद्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को पत्र लिखा था.
हैदराबाद यूनिवर्सिटी में पीएचडी छात्र रहे रोहित की रविवार को आत्महत्या के बाद कई शहरों में प्रदर्शन हो रहे हैं. उनके दोस्तों का कहना है कि रोहित ने अपमान और प्रताड़ना से तंग आ कर आत्महत्या की.
रोहित और उनके चार अन्य साथियों को हॉस्टल से निकाला गया था और बताया जाता है कि उन्हें दो हफ़्ते खुले आसमान के नीचे गुज़ारने पड़े थे.
लेकिन सुशील कुमार ने बीबीसी हिंदी से कहा, “छात्रों के निलंबन का रोहित की आत्महत्या से कोई संबंध नहीं है. वो आत्महत्या करने वाला व्यक्ति नहीं था. इस मामले की पूरी जांच होनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट या फिर सीबीआई से मामले की जांच कराई जानी चाहिए.”
इस मामले से जुड़े घटनाक्रम को याद करते हुए सुशील ने कहा, “छात्रों को 16 दिसंबर को निलंबित किया गया था. उन्होंने एक जनवरी तक कुछ नहीं किया. उन्हें ज़्यादा सजा भी नहीं मिली थी. तो फिर ये लोग इतने दिनों बाद क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं?”
उन्होंने कहा, “मैं इसलिए जांच की मांग कर रहा हूं क्योंकि रोहित हार मानने वाला नहीं था. हमारी हमेशा बहस होती थी. वो किसी से नहीं डरता था. वो हमारे पोस्टर फाड़ दिया करता था और सीधे सीधे कहता था कि उसे हिंदुत्व या केसरिया रंग पसंद नहीं है.”
वो कहते हैं, “वो दब्बू इंसान नहीं था. तो फिर उसे आत्महत्या का रास्ता किसने दिखाया. मैं ये सवाल उठाना चाहता हूं. जो भी इसके लिए ज़िम्मेदार है, उसे सज़ा मिलनी चाहिए.”
सुशील के मुताबिक़, “मैं बता सकता हूं कि निलंबन का क्या कारण था लेकिन मैं ये नहीं बता सकता कि आत्महत्या का कारण क्या था. इस बात की हर क़ीमत पर जांच होनी चाहिए.”
रोहित के साथ निलंबित होने चार अन्य लोगों में से एक दोनथा प्रशांत कहते हैं, “आप सारी घटनाओं को देखिए. रोहित की फेलोशिप जुलाई में रोक दी गई, जिसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन जिम्मेदार है. निलंबन के बाद छात्र अपना प्रजेंटेशन भी नहीं दे पाए. हर चीज लटक गई.”
प्रशांत ने रोहित के बारे में कहा, “किसी ने उसकी बातों पर ध्यान नहीं दिया. वो अपमानित और प्रताड़ित महसूस कर रहा था. इन सब बातों ने उसे अपनी जान लेने पर मजबूर किया.”
इस बीच, छात्रों ने बुधवार को भी अपना विरोध जारी रखने की घोषणा की है. छात्र संघों की ज्वाइंट एक्शन कमेटी (जेएसी) ने कहा है कि जब तक उनकी पांच मांगों को नहीं मान लिया जाता, यूनिवर्सिटी को नहीं चलने दिया जाएगा.
अंबेडकर स्टूडेंट्स एसोशिएशन के मट्टाश्रीनिवास ने कहा, “हम दत्तात्रेय, विश्वविद्यालय के कुलपति अप्पा राव और अन्य नेताओं के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. जब तक ये लोग इस्तीफा नहीं देंगे, हम जेएसी के मुताबिक चलते रहेंगे. भूख हड़ताल जारी रहेगी.”
उन्होंने कहा, “कल की तरह अन्य शहरों में भी आंदोलन जारी रहेगा.”
उधर मंगलवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने हैदराबाद पहुंच कर छात्रों को संबोधित किया और वो रोहित के परिवार से भी मिले. बहुजन समाज पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के नेता भी बुधवार को छात्रों से मिलने वाले हैं.
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