मनामा: सऊदी अरब और ईरान के तनावों के बीच विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भारत-अरब लीग सहयोग मंच की प्रथम मंत्री स्तरीय बैठक के लिए आज यहां पहुंचीं. यात्रा का उद्देश्य इस 22 सदस्यीय संगठन के साथ देश के संबंधों को मजबूत करना है. सुषमा यहां दो दिन के दौरे पर आई हैं.वह अपने बहरीनी समकक्ष खालिद बिन अहमद अल खलीफा सहित अरब लीग के सदस्य देशों के कई विदेश मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगी. वह अपनी यात्रा के दौरान आज बहरीन के शाह हमद बिन इसा अल खलीफा से भी मिलेंगी.
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दो दिवसीय दौरे पर सुषमा स्वराज बहरीन पहुंची
मनामा: सऊदी अरब और ईरान के तनावों के बीच विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भारत-अरब लीग सहयोग मंच की प्रथम मंत्री स्तरीय बैठक के लिए आज यहां पहुंचीं. यात्रा का उद्देश्य इस 22 सदस्यीय संगठन के साथ देश के संबंधों को मजबूत करना है. सुषमा यहां दो दिन के दौरे पर आई हैं.वह अपने बहरीनी समकक्ष […]
विदेश मंत्री के तौर पर बहरीन की उनकी यह दूसरी यात्रा है. उन्होंने साल 2014 में एक द्विपक्षीय बैठक के लिए बहरीन की यात्रा की थी. वह यहां एक अंतरराष्ट्रीय एयर शो में भी शरीक होंगी जिसमें भारत का स्वदेश निर्मित हल्का लडाकू विमान तेजस भाग ले रहा है. यह पहला मौका है जब तेजस एक अंतरराष्ट्रीय विमान प्रदर्शनी में शामिल हो रहा.
नई दिल्ली में नवंबर 2014 में दोनों पक्षों के वरिष्ठ अधिकारियों के अपनी प्रथम बैठक करने के साल भर से अधिक समय बाद कल मंत्रीस्तरीय बैठक हो रही. भारत और अरब लीग के द्विपक्षीय मुद्दों के समूचे परिदृश्य पर चर्चा करने की उम्मीद है जिसमें व्यापार और निवेश, उर्जा और संस्कृति सहित अन्य मुद्दे शामिल हैं. आतंकवाद, सुरक्षा से लेकर सउदी अरब और ईरान के बीच तनाव जैसे कई मुद्दों पर भी चर्चा होने की उम्मीद है. सऊदी-ईरान तनाव क्षेत्रीय स्थिरता के संदर्भ में चर्चा के लिए आ सकता है जबकि ईरान अरब लीग का हिस्सा नहीं है.
सउदी अरब ने प्रमुख शिया धर्मगुरु शेख निम्र अल निम्र सहित 46 अन्य को मौत की सजा दी जिसकी समूचे क्षेत्र के शियाओं ने निंदा की. विदेश मंत्री की यहां की यात्रा इसलिए भी मायने रखती है कि इस महीने पठानकोट वायुसेना ठिकाने पर हुए हमले के साथ-साथ दुनिया आतंकवाद की चुनौती का सामना कर रही है. भारत और अरब लीग के बीच सहयोग के प्रमुख क्षेत्र पर आतंकवाद रोधी सहयोग होने की उम्मीद है.
सउदी अरब ने हाल ही में आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए 34 सदस्यीय सैन्य गठबंधन बनाया है. पाकिस्तान भी इसमें शामिल किया गया लेकिन वह इसमें शामिल होने से हिचकिचाता रहा क्योंकि ईरान इस गठजोड का सदस्य नहीं है जबकि इस मुल्क के साथ उसके अच्छे संबंध है. पिछले कुछ वषो’ में अधिकतर अरब देशों के साथ भारत का व्यापार बढा है. खाडी क्षेत्र भारत के तेल और गैस जरुरतों का 60 प्रतिशत से अधिक पूरा करता है. भारत और अरबलीग के बीच साल 2013 में एक सहयोग पत्र पर हस्ताक्षर हुआ था. इस समझौते के मुताबिक साल 2014 में प्रथम वरिष्ठ अधिकारी बैठक हुई जबकि प्रथम मंत्रीस्तरीय बैठक कल से होगी. मंत्रीस्तरीय बैठक एक साल के अंतराल पर होगी और अरब लीग के सदस्य देश और भारत में यह बारी- बारी से होगी. लीग का मुख्यालय मिस्र में है.
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