लोगों का सम्मान पाना है तो खुद का सम्मान करें

।। दक्षा वैदकर ।।क्या आपने कभी सोचा है कि कोई सेल्समैन एक ग्राहक को इज्जत क्यों देता है जबकि वह दूसरे ग्राहक को नजर अंदाज कर देता है? कोई आदमी एक महिला के लिए कुरसी आगे कर देता है, लेकिन दूसरी महिला को खुद ही बैठने देता है? कोई कर्मचारी एक सीनियर के आदेशों का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:38 PM

।। दक्षा वैदकर ।।
क्या आपने कभी सोचा है कि कोई सेल्समैन एक ग्राहक को इज्जत क्यों देता है जबकि वह दूसरे ग्राहक को नजर अंदाज कर देता है? कोई आदमी एक महिला के लिए कुरसी आगे कर देता है, लेकिन दूसरी महिला को खुद ही बैठने देता है? कोई कर्मचारी एक सीनियर के आदेशों का पालन फटाफट करता है, जबकि दूसरे सीनियर के बार-बार बोलने पर भी वह काम नहीं करता? या हम किसी आदमी की बात बड़े ध्यान से सुनते हैं, लेकिन दूसरे की बात अनसुनी कर देते हैं? अपने चारों तरफ देखें. आप पायेंगे कि कई लोगों के लिए हम ‘अरे यार’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं, जबकि कुछ के लिए ‘यस सर, जी सर’ का.

हम कुछ लोगों को बहुत अहमियत देते हैं, उनकी तारीफ करते हैं जबकि दूसरों के प्रति बिल्कुल विपरीत व्यवहार करते हैं. इसकी क्या वजह है? करीब से देखने पर आप पायेंगे कि जिन लोगों का हम सम्मान नहीं करते, जिनकी हम बात नहीं सुनते, दरअसल वे लोग ही इसकी वजह होते हैं. हर चीज की जड़ यहां ‘सोच’ है. आप खुद के बारे में क्या सोचते हैं, इसी पर निर्भर करता है कि लोग आपके बारे में क्या सोचते हैं. जो लोग खुद ही हीन भावना से ग्रस्त होते हैं, खुद को कमतर समझते हैं. यह सोच उनके कार्यो में भी नजर आती है, इसलिए अमूमन लोग उन्हें ज्यादा तवज्जो नहीं देते. फिर भले ही आप कितने ही योग्य क्यों न हो, आप हीन ही बने रहेंगे.

जो व्यक्ति यह महसूस करता है कि वह महत्वपूर्ण नहीं है, वह सचमुच महत्वपूर्ण नहीं होता. दूसरी तरफ, जो यह समझता है कि वह कोई भी काम कर सकता है, वह सचमुच सब काम कर सकता है. याद रहे, महत्वपूर्ण बनने के लिए यह सोचना जरूरी है कि हम महत्वपूर्ण है. सचमुच ऐसा सोचें. तभी दूसरे लोग भी हमारे बारे में ऐसा सोचेंगे. हर चीज एक-दूसरे से जुड़ी है. ‘आप क्या सोचते हैं, इससे तय होता है कि आप कैसा काम करते हैं. आप क्या करते हैं इससे तय होता है कि दूसरे आपके साथ कैसा व्यवहार करते हैं.’ दूसरे लोगों का सम्मान पाने के लिए आपको सबसे पहले तो यह सोचना होगा कि आप उस सम्मान के काबिल है. तब आप अपने आप को जितने सम्मान के काबिल समङोंगे, दूसरे लोग आपको उतना ही सम्मान देंगे.

बात पते कीः
-इस बात को ऐसे समझे. क्या हमारे दिल में किसी गरीब व्यक्ति के लिए सम्मान है? नहीं न.. क्योंकि वह आदमी खुद का सम्मान नहीं करता.
-आत्म सम्मान हमारे हर काम में दिख जाता है. इसलिए हमें ध्यान देना होगा कि किस तरह हम अपना आत्म सम्मान बढ़ायें ताकि दूसरों भी सम्मान करें.

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