इस्लामाबाद : पश्चिमोत्तर पाकिस्तान में स्थित बाचा खान विश्वविद्यालय कड़ी सुरक्षा और विशेष प्रार्थनाओं के बीच आज फिर खुल गया, जहां तालिबान के हमले में 21 लोग मारे गए थे. मरने वालों में ज्यादातर छात्र थे.
पुलिस ने बताया कि बाचा खान विश्वविद्यालय फिर खुल गया और विश्वविद्यालय की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं.
कक्षाओं की शुरुआत आज मृतकों के लिए विशेष प्रार्थना से हुई. चारसद्दा स्थित अन्य शैक्षिक संस्थान भी आज फिर से खुल गए जो हमले के मद्देनजर बंद कर दिए गए थे.
बहुत से लोगों ने मृतकों की याद में और आतंकवादियों के सामने न झुकने का संकल्प प्रदर्शित करने के लिए चारसद्दा में शांति जुलूस निकाला.
बुधवार को भारी हथियारों से लैस चार आतंकवादियों ने अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में पेशावर से करीब 50 किलोमीटर दूर स्थित बाचा खान विश्वविद्यालय पर हमला किया था.
अधिकारियों ने हमलावरों के पाकिस्तान में घुसने में मदद करने और उन्हें मरदान शहर ले जाने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया है. आतंकवादियों ने अफगानिस्तान से तोरखुम सीमा के जरिए पाकिस्तान में प्रवेश किया था.
हालांकि वह व्यक्ति अभी फरार है जिसने तोरखुम सीमा चौकी पर आतंकवादियों के लिए इंतजाम किए थे.
अधिकारियोें ने कहा है कि बाचा खान विश्वविद्यालय पर हमले की योजना अफगानिस्तान में बनी थी और यह वहीं से नियंत्रित था क्योंकि हमले की जिम्मेदारी लेने वाले आतंकी कमांडर उमर मंसूर द्वारा कीगयी फोन कॉल अफगानिस्तान से आयी थी.
बाचा खान विश्वविद्यालय पर हमले से लगभग एक साल पहले आतंकवादियों ने पेशावर में सेना संचालित एक स्कूल पर हमला कर लगभग 150 लोगों की हत्या कर दी थी, जिनमें ज्यादातर छात्र थे.