‘नग्न मूर्तियां ढकने से बच गया इस्लाम’

बीबीसी ट्रेंडिंग रोम में नग्न मूर्तियों को ढकना, ईरान में चर्चा का मुद्दा बन गया है और सोशल मीडिया पर लोग इस पर जमकर चटखारे ले रहे हैं. ईरान के राष्ट्रपति हसन रोहानी की इटली यात्रा के दौरान रोम में उनकी मुलाक़ात इटली के प्रधानमंत्री मातेओ रेंज़ी से होनी थी और मुलाक़ात की जगह निर्धारित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 28, 2016 12:04 PM
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रोम में नग्न मूर्तियों को ढकना, ईरान में चर्चा का मुद्दा बन गया है और सोशल मीडिया पर लोग इस पर जमकर चटखारे ले रहे हैं.

ईरान के राष्ट्रपति हसन रोहानी की इटली यात्रा के दौरान रोम में उनकी मुलाक़ात इटली के प्रधानमंत्री मातेओ रेंज़ी से होनी थी और मुलाक़ात की जगह निर्धारित हुई रोम का मशहूर कपिटलाइन म्यूज़ियम.

म्यूज़ियम में नग्न मूर्तियां हैं, जिन्हें ईरानी राष्ट्रपति की नज़रों से बचाने के लिए ढका गया. माना गया कि कड़े इस्लामी क़ानून मानने वाले देश ईरान के राष्ट्रपति को इन्हें देखना गवारा नहीं होता.

ईरानी राष्ट्रपति के भोज के दौरान वाइन भी नहीं परोसी गई. इस घटना पर ईरान में लोग जमकर व्यंग्य कस रहे हैं.

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फ़ेसबुक पर कई ईरानियों ने इटली का शुक्रिया अदा करते हुए लिखा, "इस्लाम को बचाने के लिए इटली का बहुत शुक्रिया. आपने नग्न मूर्तियां ढककर इस्लाम को ख़तरे में पड़ने से बचा लिया."

एक ट्विटर यूज़र ने लिखा, "ईरान के साथ बड़े व्यापारिक सौदों की ख़ातिर इटली के लोग इन मूर्तियों को तोड़ भी देते, तो अचरज न होता."

हसन रोहानी की इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच 18.4 अरब डॉलर के समझौतों पर दोनों देशों ने साइन किए.

कई लोगों ने इस घटनाक्रम पर ग़ुस्सा भी जताया.

एक ईरानी ट्विटर यूज़र ने लिखा, "मूर्तियों को ढकना कतई मज़ाकिया नहीं था. यह दर्दनाक घटना थी. मुझे पता नहीं ऐसा करने से इटली की बेइज़्जती हुई या हमारे देश की लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण था."

हालांकि ईरानी अधिकारियों ने साफ़ किया कि मूर्तियां ढकने के लिए ईरान की तरफ़ से कोई निवेदन नहीं किया गया और यह इटली का फ़ैसला था.

इटली में भी लोगों ने स्टेच्यू न्यूड नाम से हैशटैग के ज़रिए इस घटना पर अपनी राय रखी और इटली की संस्कृति दिखाने वाली कई नग्न मूर्तियों की फ़ोटो, हसन रोहानी को संबोधित करते हुए शेयर की गईं.

एक ट्विटर यूज़र ने लिखा, "रोम का निवासी होने के नाते मैं बेहद शर्मिंदा हूं. मूर्तियों को ढकना शर्मनाक है. एक विदेशी मेहमान की ख़ातिर यह करना सांस्कृतिक ख़ुदकुशी करने जैसा है."

रोहानी अपनी यूरोप यात्रा के दौरान इस वक़्त फ्रांस में हैं.

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