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शांत दिमाग से सोचें, तो रास्ता जरूर दिखेगा

।। दक्षा वैदकर।। अगर आपका दिमाग शांत व स्थिर नहीं है, तो अच्छे अवसर आपके हाथ से निकल जाते हैं. भावनात्मक रूप से मजबूत इनसान हर बुरे हालात का सामना कर लेता है, वहीं भावनात्मक रूप से कमजोर इनसान परिस्थितियां और बिगाड़ लेता है. यह कहना है सक्सेस इज अ स्टेट ऑफ माइंड के लेखक […]

।। दक्षा वैदकर।।

अगर आपका दिमाग शांत व स्थिर नहीं है, तो अच्छे अवसर आपके हाथ से निकल जाते हैं. भावनात्मक रूप से मजबूत इनसान हर बुरे हालात का सामना कर लेता है, वहीं भावनात्मक रूप से कमजोर इनसान परिस्थितियां और बिगाड़ लेता है. यह कहना है सक्सेस इज अ स्टेट ऑफ माइंड के लेखक प्रवीण वर्मा का. उनका एक वीडियो है, जो साधारण शब्दों में गहरी बात समझाता है. पंचतंत्र की कहानियों के जरिये वे बताते हैं कि किस तरह बहुत आसानी से हम समस्याओं से बाहर निकल सकते हैं.

वे एक शेर की कहानी सुनाते हैं, जो अक्सर अपनी जरूरत व भूख से अधिक जानवरों को मार डालता था. जंगल के सभी जानवर उसके पास जाते हैं और कहते हैं कि आपकी भूख के अनुसार हम रोज एक जानवर आपके पास भेजेंगे. शेर मान जाता है. रोजाना एक-एक जानवर शेर के पास जाने लगता है. एक दिन खरगोश की बारी आती है. हंसता-खेलता खरगोश, शेर के पास जाने के लिए निकलता है. बीच में प्राकृतिक दृश्यों को देखने में वह व्यस्त हो जाता है. शेर के पास पहुंचने में उसे देर हो जाती है. शेर गुस्से से तिलमिला उठता है. खरगोश को वह देर से आने का कारण पूछता है. खरगोश कहता है कि ‘महाराज मैं तो आपके पास ही आ रहा था. लेकिन रास्ते में मुझको एक दूसरा शेर मिल गया था, जिसने मुङो रोक लिया.’

यह सुन कर शेर अपना आपा खो देता है. वह कहता है कि मुङो दूसरे शेर के पास ले चलो. मैं उसे मार डालूंगा. खरगोश उसे कुएं के पास ले जाता है और कहता है कि शेर इसके अंदर छिपा है. शेर अंदर झांकता है. अपनी परछाई को दूसरा शेर समझ कूद पड़ता है और मर जाता है. यह कहानी हमें सीख देती है कि हम शेर की तरह अपना मन अशांत न करें. गुस्से में गलत निर्णय न लें. खरगोश का व्यवहार हमें सिखाता है कि हम परिस्थितियों से घबराएं नहीं. अपनी जिंदगी को खुल कर जिएं. खरगोश यह जानता था कि शेर उसे खा जायेगा. वह उसकी मौत की ओर बढ़ रहा है, लेकिन वह घबराया नहीं. उसने बिना किसी तनाव के जीवन के हर पल का आनंद लिया. अपना दिमाग शांत रखा और इसीलिए वह परिस्थिति को संभाल पाया.

बात पते की..

गुस्सा हमारे सोचने-समझने की क्षमता को कम कर देता है और हम ऐसे में गलत निर्णय ले बैठते हैं. बेहतर है कि हम अपने गुस्से पर काबू पाएं.

अपना दिमाग हमेशा शांत रखें. कोई भी परेशानी आये, तो घबराएं नहीं. शांति से बैठ कर उसका हल निकालें. आपको रास्ता साफ नजर आयेगा.

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