म्यामां में संसद का नया सत्र शुरू, 50 साल में पहली लोकतांत्रिक सरकार बनेगी

नेपिताव ( म्यामां) : म्यामांमें संसद का नया सत्र आज से शुरू हो गया जिसमें नवनिर्वाचित सांसद हिस्सा ले रहे हैं.इन नवनिर्वाचित सांसदों में से ज्यादातर सांसद लोकतंत्र समर्थक नेता आंग सान सू ची की पार्टी के हैं.संसद पिछले 50 साल से अधिक समय में म्यामां की पहली लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित सरकार स्थापित करेगी. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 1, 2016 2:28 PM

नेपिताव ( म्यामां) : म्यामांमें संसद का नया सत्र आज से शुरू हो गया जिसमें नवनिर्वाचित सांसद हिस्सा ले रहे हैं.इन नवनिर्वाचित सांसदों में से ज्यादातर सांसद लोकतंत्र समर्थक नेता आंग सान सू ची की पार्टी के हैं.संसद पिछले 50 साल से अधिक समय में म्यामां की पहली लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित सरकार स्थापित करेगी.

बरसों तक सेना के दमन की शिकार रही नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी पार्टी के लिए यह सत्र अत्यंत महत्वपूर्ण है. पार्टी को नवंबर में हुए आम चुनावों में उच्च और निचले सदनों में 80 फीसदी सीटें मिलीं और वह सरकार बनाने की स्थिति में है.

वर्ष 2011 में यह दक्षिण पूर्वी एशियाई देश आधी सदी तक तानाशाही देखने के बाद लोकतंत्र की ओर अग्रसर होने लगा क्योंकि सैन्य शासक राष्ट्रपति थीन सीन की अगुवाई में असैन्य सरकार को आंशिकरूप से अधिकार देने के लिए सहमत हो गए थे. सैन्य जनरल और अब सुधारवादी नेता थीन सीन मार्च के आखिर में या अप्रैल केशुरू में एनएलडी के राष्ट्रपति द्वारा बागडोर संभालने के बाद पद छोड़ देंगे.

सू ची को संवैधानिक तरीके से राष्ट्रपति बनने से रोका जा चुका है. बहरहाल, पर्दे के पीछे से उनका पूरा नियंत्रण होगा. अब तक उन्होंने घोषणा नहीं की है कि राष्ट्रपति के लिए उनकी पार्टी किसे नामांकित करेगी.

एकतरफा जीत हासिल करने के बावजूद एनएलडी को सेना के साथ ही सत्ता में भागीदारी करनी पड़ेगी क्योंकि संविधान के मुताबिक संसद में 25 फीसदी सीटें सेना के लिए आरक्षित हैं.

सू ची ने वरिष्ठ सैन्य नेताओं से मिल कर बिना किसी व्यवधान के सरकार परिवर्तन सुनिश्चित करने की कोशिश की और सैन्य नेताओं ने कोई हस्तक्षेप न करने की प्रतिबद्धता जतायी है. थीन सीन की यूनियन सॉलिडेरिटी एंड डवलपमेंट पार्टी को सेना का समर्थन प्राप्त है. इस पार्टी ने वर्ष 2010 के चुनाव में जीत हासिल की थी जिसमें एनएलडी ने स्वयं पर लगाई गई शर्तों के विरोध में भाग लेने से इनकार कर दिया था.

चुनाव कानून में कई परिवर्तनों के बाद एनएलडी ने वर्ष 2012 में दर्जनों उप चुनाव लड़े और लगभग सभी में जीत दर्ज की.

म्यामां में वर्ष 1962 से सत्ता पर सेना का प्रत्यक्ष या परोक्षरूप से नियंत्रण रहा है. वर्ष 1990में हुए चुनावों में सू ची की पार्टी जीती थी लेकिन सेना ने परिणामों को रद्द कर दिया तथा उसके कई प्रमुख सदस्य गिरफ्तार कर लिए गए थे. सू ची वर्ष 1990 में हुए चुनावों से पहले नजरबंद कर दी गयीं. इसके बाद अगले 22 साल में से 15 साल वह यंगून में अपने घर पर नजरबंद ही रहीं. वर्ष 1991 में जब सू ची को नोबेल शांति पुरस्कार देने के लिए चुना गया था तब भी वह नजरबंद ही थीं.

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