ढाका : पाकिस्तान सेना के सहायक बल कुख्यात राजाकर वाहिनी के दो सदस्यों को बांग्लादेश के एक युद्ध अपराध न्यायाधिकरण ने पाकिस्तान के खिलाफ 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान खासकर हिंदुओं के खिलाफ किये गए अपराध के लिए आज मौत की सजा सुनायी. ‘ढाका ट्रिब्यून’ के मुताबिक, अब्दुल हक ताहेर 66वर्ष और अताउर रहमान नोनी 66 वर्ष दोनों पाकिस्तानी सेना के सहायक बल राजाकर बल के सदस्य थे. उनपर नरसंहार और हत्या सहित छह आरोप थे. उन्होंने दलील दी थी कि वे निर्दोष हैं. देश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने दो आरोपों पर उन्हें मौत की सजा और दो अन्य आरोपों पर मौत तक जेल की सजा सुनायी. अदालत ने दो आरोपों में उन्हें बरी कर दिया. अदालत ने कहा कि सरकार गोली मारकर या फांसी से लटकाकर उन्हें मृत्युदंड दे सकती है.
ताहेर और नोनी 1971 में कम से कम 30 लोगों का अपहरण करने और उनकी हत्या करने तथा 400-450 दुकानों में लूटपाट करने और उनमें आग लगाने में संलिप्त थे. न्यायाधिकरण ने पिछले साल दो मार्च को दोनों के खिलाफ छह आरोप तय किये थे. 23 गवाहों ने उनके खिलाफ गवाही दी थी.