सीरिया में ‘‘युद्धविराम”” पर बनी सहमति

म्युनिख : विश्व की शक्तियों ने युद्ध प्रभावित सीरिया में एक सप्ताह के भीतर युद्धविराम की महत्वाकांक्षी योजना और नाटकीय रुप से मानवीय मदद बढाए जाने पर आज सहमति जताई. अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी ने रुस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव की सह मेजबानी वाली विस्तारित वार्ता के बाद कहा कि 17 देशों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 12, 2016 11:59 AM

म्युनिख : विश्व की शक्तियों ने युद्ध प्रभावित सीरिया में एक सप्ताह के भीतर युद्धविराम की महत्वाकांक्षी योजना और नाटकीय रुप से मानवीय मदद बढाए जाने पर आज सहमति जताई. अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी ने रुस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव की सह मेजबानी वाली विस्तारित वार्ता के बाद कहा कि 17 देशों ने ‘‘एक सप्ताह की समय सीमा में शुरु करने के लक्ष्य के साथ राष्ट्रव्यापी युद्धविराम लागू करने पर” सहमति जताई है. उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सीरिया सहायता समूह ने भी ‘‘मानवीय मदद की पहुंच तत्काल तेज करने और बढाने” पर भी सहमति जताई है.

केरी ने कहा, ‘‘निरंतर वितरण इस सप्ताह शुरु होगा। यह काम पहले उन स्थानों पर किया जाएगा, जहां इसकी आवश्यकता सर्वाधिक है और इसके बाद देशभर में सभी जरुरतमंद लोगों, खासकर घेरेबंदी के कारण फंसे लोगों और दुर्गम स्थानों तक इसे पहुंचाया जाएगा।” इससे पहले इस माह की शुरुआत में शांति वार्ताएं उस समय असफल रही थीं जब सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद की सेना ने रुसी बमवर्षकों और ईरानी लडाकों के समर्थन से विद्रोहियों के अहम गढ अलेप्पो में हमला किया था.

केरी ने कहा कि विद्रोहियों और शासन के साथ वार्ता जल्द से जल्द बहाल होगी लेकिन उन्होंने चुनौती दी कि, ‘‘अभी हमारे पास कागज पर लिखे शब्द हैं. हमें आगामी दिनों में जमीनी स्तर पर कार्रवाई देखने की आवश्यकता है.” मेजबान जर्मनी के विदेश मंत्री फ्रैंक-वाल्टर स्टीन्मीयर ने कहा कि ‘‘यह वास्तव में एक सफलता है या नहीं, यह हम आगामी दिनों में देखेंगे।” उन्होंने कहा, ‘‘:सफलता इस बात पर निर्भर करेगी: जब पूरी दुनिया देखेगी कि क्या आज के समझौतों का असद शासन और सीरियाई विपक्ष, हिज्बुल्ला एवं विपक्षी मिलिशिया और रुस पालन करते हैं और उसे लागू करते हैं या नहीं।” ये वार्ताएं ऐसे तल्ख माहौल में हुई हैं जब रुस के प्रधानमंत्री दमित्रि मेदवेदेव ने विद्रोही विपक्ष के समर्थन में खाडी देशों के बलों को भेजने की स्थिति में ‘‘नए विश्व युद्ध” की चेतावनी तक दे दी है.

रुसी प्रधानमंत्री की चेतावनी के बाद अमेरिका के विदेश मंत्रालय के उपप्रवक्ता मार्क टोनर से कल संवाददाताओं से कहा, ‘‘गत महीनों में असद शासन के प्रति रुसी समर्थन और हाल में अलेप्पो की घेरेबंदी ने संघर्ष को और तेज कर दिया है और स्थिति को और बिगाड दिया है.” लेकिन कार्य समूह एक ऐसे दस्तावेज के साथ सामने आया है जिसमें मास्को के बमबारी अभियान पर बढते तनाव के बावजूद मुख्य भागीदारों के बीच सहयोग का आश्चर्यजनक स्तर दिखाई दिया है. लावरोव ने सीरिया में ‘‘रुसी और अमेरिकी सेना के बीच प्रत्यक्ष संपर्क” का आह्वान किया है और कहा है कि राजनीतिक बदलाव पर वार्ता ‘‘बिना किसी अल्टीमेटम और पूर्व शर्त के जल्द से जल्द शुरु होनी चाहिए.” केरी ने पूर्ण संघर्षविराम की जगह ‘सभी शत्रुतापूर्ण गतिविधियों पर विराम’ शब्दों का जानबूझकर इस्तेमाल किया है. उन्होंने कहा कि यह इस्लामिक स्टेट समूह और अलकायदा से जुडे अल नुसरा के ‘‘ आतंकवादी संगठनों” के अलावा सभी समूहों पर लागू होगा.

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