विनम्रता हर समस्या को हल कर सकती है

दक्षा वैदकर यह उस समय की बात है, जब डॉ जाकिर हुसैन विशेष अध्ययन के लिए जर्मनी गये हुए थे. वहां कोई भी अनजान व्यक्ति दूसरे अनजान को देखकर अपना नाम बताते हुए हाथ आगे बढ़ा देता था. इस प्रकार अपरिचित लोग भी एक-दूसरे के दोस्त बन जाते थे. दोस्ती करने का यह रिवाज वहां […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 13, 2016 2:01 AM
दक्षा वैदकर
यह उस समय की बात है, जब डॉ जाकिर हुसैन विशेष अध्ययन के लिए जर्मनी गये हुए थे. वहां कोई भी अनजान व्यक्ति दूसरे अनजान को देखकर अपना नाम बताते हुए हाथ आगे बढ़ा देता था. इस प्रकार अपरिचित लोग भी एक-दूसरे के दोस्त बन जाते थे. दोस्ती करने का यह रिवाज वहां काफी लोकप्रिय था. एक दिन उनके कॉलेज में वार्षिकोत्सव मनाया जा रहा था.
कार्यक्रम का समय हो चुका था. सभी विद्यार्थी व शिक्षक वार्षिकोत्सव के लिए निर्धारित स्थल पर पहुंच रहे थे. जाकिर साहब भी जल्दी-जल्दी वहां जाने के लिए अपने कदम बढ़ा रहे थे. जैसे ही उन्होंने कॉलेज में प्रवेश किया, एक शिक्षक महोदय भी वहां पहुंचे. दो
नों ही जल्दबाजी और अनजाने में एक-दूसरे से टकरा गये. शिक्षक महोदय जाकिर साहब से टक्कर होने पर गुस्से से उन्हें देखते हुए बोले, इडियट. यह सुनकर जाकिर साहब ने फौरन अपना हाथ आगे की ओर बढ़ाया और बोले, जाकिर हुसैन. भारत से यहां पढ़ने के लिए आया हुआ हूं.
जाकिर साहब की हाजिरजवाबी देखकर शिक्षक महोदय का गुस्सा मुस्कुराहट में बदल गया. वह बोले, बहुत खूब. आपकी हाजिरजवाबी ने मुझे प्रभावित कर दिया. इस तरह परिचय देकर आपने हमारे देश के रिवाज को भी मान दिया है और साथ ही मुझे मेरी गलती का अहसास भी करा दिया है. वाकई हम अनजाने में एक-दूसरे से टकराये थे. ऐसे में मुझे क्षमा मांगनी चाहिए थी. अपशब्द नहीं बोलने चाहिए थे. इतना कह कर उन्होंने तुरंत माफी मांगी और उनके गले लगे.
यह छोटी-सी घटना हमें यह सिखाती है कि अगर क्रोध से भरे हुए व्यक्ति का हम विनम्रतापूर्वक स्वागत करते हैं, तो वह भी पिघल जाता है. इसलिए विनम्र बनें. इस तरह आपकी आधी समस्याएं यूं ही दूर हो जायेंगी. इसके विपरीत अगर आप क्रोधित व्यक्ति को सबक सिखाने के लिए उसे उल्टा जवाब देंगे, उससे बहस करेंगे, उसे यह बतायेंगे कि वह गलत था और उसे सॉरी बोलना चाहिए, तो मामला हमेशा के लिए बिगड़ जाता है.
daksha.vaidkar@prabhatkhabar.in
बात पते की..
– कोई कितना भी नाराज क्यों न हो जाये, कितने भी अपशब्द क्यों न बोले, अगर आप विनम्रता से जवाब देंगे, तो सामनेवाला जरूर सॉरी बोलेगा.
– लोगों का दिल गुस्से से, उल्टा जवाब देकर, उन्हें उनकी गलती बता कर नहीं जीता जा सकता. बेहतर है कि हमेशा मीठा बोलें. विनम्र बने रहें.

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