‘हलवा” परंपरा के साथ शुरू हुई बजट दस्तावेज की छपाई
नयी दिल्ली : बजट 2016-17 के दस्तावेज की छपाई आज परंपरागत ‘हलवा’ समारोह के साथ शुरू हो गयी. इस मौके पर नार्थ ब्लॉक कार्यालय में वित्त मंत्री अरुण जेटली तथा वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा मौजूद थे. लंबे समय से चली आ रही परंपरा के अनुसार एक बड़ी कड़ाही में हलवा तैयार किया जाता है और […]
नयी दिल्ली : बजट 2016-17 के दस्तावेज की छपाई आज परंपरागत ‘हलवा’ समारोह के साथ शुरू हो गयी. इस मौके पर नार्थ ब्लॉक कार्यालय में वित्त मंत्री अरुण जेटली तथा वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा मौजूद थे. लंबे समय से चली आ रही परंपरा के अनुसार एक बड़ी कड़ाही में हलवा तैयार किया जाता है और मंत्रालय के कर्मचारियों के बीच बांटा जाता है. इस अवसर पर बजट की तैयारियों में शामिल वित्त सचिव रतन वाटल, राजस्व सचिव हसमुख अधिया, आर्थिक मामलों के सचिव और मंत्रालय के अन्य अधिकारी और कर्मचारी इस मौके पर उपस्थित थे.
क्या है हलवा परंपरा ?
परंपरागत हलवा बांटने के बाद बजट बनाने और छपाई प्रक्रिया से जुड़े बड़ी संख्या में अधिकारियों और सहायक कर्मचारियों को मंत्रालय में ही रहना पड़ता है. लोकसभा में बजट पेश होने तक उनका अपने परिवार से भी संपर्क नहीं रहताऔर न मंत्रालय से बाहर के किसी व्यक्ति से मिलने की अनुमति ही रहती है.उन्हें अपने नजदीकी लोगों रिश्तेदारों से भी फोन या ई-मेल आदि के जरिये संपर्क करने की अनुमति नहीं होती. वित्त मंत्रालय में सिर्फ बेहद वरिष्ठ अधिकारियों को ही अपने घर जाने की अनुमति होती है.
यह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार का दूसरा पूर्ण बजट होगा. वित्त मंत्री 29 फरवरी को बजट पेश करेंगे. आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकान्त दास ने ट्वीटकिया कि वित्त मंत्रालय में हलवा समारोह के साथ बजट छापने की प्रक्रिया शुरू हुई. करीब 100 अधिकारी बजट छापने की प्रक्रिया से जुड़े हैं और वे 29 फरवरी को बजट पेश होने तक नार्थ ब्लॉक में ही ‘बंद’ रहेंगे. यह बजट को गोपनीय रखने के उपायों का हिस्सा है. नार्थ ब्लॉक में बजट प्रेस में ही इन अधिकारियों को वित्त मंत्री द्वारा बजट पेश करने तक रहना होता है. देश का पहला आम बजट 26 नवंबर, 1947 को आर के षणमुखम शेट्टी ने पेश किया था.