लोगों की नकारात्मक बातों पर ध्यान न दें
दक्षा वैदकर मोटिवेशनल गुरु संदीप माहेश्वरी का चार मिनट का एक वीडियो इन दिनों फेसबुक पर बहुत शेयर हो रहा है. इसमें वे दो दोस्तों की कहानी बताते हैं, जो एक गांव में रहते थे. उनमें से एक 10 साल का था और दूसरा छह साल का. इन दोनों की दोस्ती इतनी गहरी थी जैसे […]
दक्षा वैदकर
मोटिवेशनल गुरु संदीप माहेश्वरी का चार मिनट का एक वीडियो इन दिनों फेसबुक पर बहुत शेयर हो रहा है. इसमें वे दो दोस्तों की कहानी बताते हैं, जो एक गांव में रहते थे. उनमें से एक 10 साल का था और दूसरा छह साल का. इन दोनों की दोस्ती इतनी गहरी थी जैसे शोले के जय-वीरू की. वे दोनों हर वक्त साथ ही रहते. साथ खाते, साथ तालाब में नहाने जाते, साथ खेलते.
एक बार दोनों दोस्त खेलते-खेलते गांव से दूर निकल आये. वहां बड़ा दोस्त, जिसकी उम्र 10 साल थी, वह एक कुएं में गिर गया. उसे तैरना नहीं आता था, इसलिए वह चिल्लाने लगा. छोटा दोस्त घबरा गया. उसने आसपास देखा, उसे कोई व्यक्ति नहीं दिखा, जो उसकी मदद कर पाता. तब उसकी नजर एक बाल्टी पर पड़ी. उसने कुएं में उस बाल्टी को रस्सी बांध कर डाला और दोस्त से कहा कि इसे मजबूती से पकड़ ले. दोस्त ने ऐसा ही किया.
छोटे दोस्त ने अपनी पूरी ताकत लगा कर उसे खींचना शुरू कर दिया. वह खींचता गया.. खींचता गया.. खींचता गया. आखिरकार दोस्त बाहर आ गया. दोनों गले लग कर खूब रोये, खुश भी हुए. दोनों ने जब गांव वालों को यह घटना बतायी, तो किसी ने उन पर भरोसा नहीं किया. उनका कहना भी ठीक था कि इतना छोटा बच्चा, जो पानी से भरी बाल्टी नहीं उठा सकता, वह इतने बड़े लड़के को कुएं से बाहर कैसे निकाल सकता है?
बच्चों की बात पर किसी ने भरोसा नहीं किया, सिवाय एक बुजुर्ग रहीम चाचा के. गांव वाले उनके पास गये और बोले कि चाचा, आप बहुत अनुभवी व समझदार हैं. आप बताएं कि ऐसा कैसे हो सकता है? चाचा ने कहा ‘बच्चे बता तो रहे हैं कि उन्होंने यह कैसे किया’. फिर वह थोड़ी देर रुक कर बोले, ‘सवाल यह नहीं है कि ये छोटा-सा बच्चा कैसे कर पाया.
सवाल तो यह है कि वह क्यों कर पाया? उसमें इतनी ताकत कहां से आ गयी? इसका जवाब सिर्फ एक है. दरअसल जिस वक्त इस बच्चे ने यह किया, उस वक्त उसके आसपास दूर-दूर तक ऐसा कोई नहीं था, जो उसे यह कहता कि तू ये नहीं कर सकता. कोई नहीं था, यहां तक कि वो खुद भी नहीं.
daksha.vaidkar@prabhatkhabar.in
बात पते की..
– कई बार हम दूसरों की बातों में आ कर काम शुरू करने के पहले ही हार मान जाते हैं. हमें अपने मन की बात पर ज्यादा भरोसा करना चाहिए.
– आपके आसपास ऐसे कई लोग हैं, जो नहीं चाहते कि आप आगे बढ़ें. वे आपको डराते हैं. आपको इन बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए.