हरियाणा में जाट आरक्षण आंदोलन से पैदा तनाव को देखते हुए रोहतक और भिवानी ज़िलों के शहरी इलाक़ों में कर्फ़्यू लगा दिया गया है.
ये क़दम रोहतक में प्रदर्शन के दौरान एक व्यक्ति की मौत के बाद उठाया गया है. इस दौरान कई लोग घायल भी हुए हैं.
हालांकि अपुष्ट ख़बरों के अनुसार पुलिस फ़ायरिंग में तीन लोगों की मौत हो गई है.
उपद्रव मचाने वालों को देखते ही गोली मारने के आदेश दे दिए गए हैं.
सड़क और रेल यातायात पर इसका काफ़ी असर पड़ा है. 100 से ज़्यादा रेलगाड़ियों को रद्द कर दिया गया है.
प्रभावित ज़िलों के स्कूल-कॉलेज भी बंद कर दिए गए हैं.
पुलिस के मुताबिक़ प्रदर्शनकारियों ने रोहतक में राज्य के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु सिंह के घर के सामने कई गाड़ियों को आग लगा दी. बाद में उनके घर और उनके स्कूल को भी आग के हवाले कर दिया गया.
रोहतक में हुई हिंसा के बाद प्रशासन ने सेना को बुलाया है. आठ ज़िलों में सेना को तैनात किया जाएगा.
रोहतक के अतिरिक्त उपायुक्त अमित खत्री ने बीबीसी को बताया कि सेना को एहतियात के तौर पर बुलाया जा रहा है क्योंकि प्रदर्शनकारियों के झुंड ज़िले के विभिन्न स्थानों पर हिंसा पर आमादा हैं.
हरियाणा के कई ज़िलों में जाट छह दिनों से आंदोलन कर रहे हैं.
अतिरिक्त उपायुक्त का कहना है कि आंदोलनकारी नेतृत्व विहीन हो गए हैं इसलिए उन पर क़ाबू पाना मुश्किल हो गया है.
इस बीच, राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आश्वासन दिया है कि सरकार आगामी विधानसभा के सत्र में जाट आरक्षण को लेकर ठोस क़दम उठाएगी.
शुक्रवार को सभी दलों के नेताओं की बैठक भी बुलाई गई थी, मगर जाट आंदोलन से जुड़े नेताओं ने मुख्यमंत्री की घोषणा को ख़ारिज करते हुए आंदोलन को जारी रखने का फ़ैसला किया.
अखिल भारतीय जाट आरक्षण समिति के नेता यशपाल मलिक ने बीबीसी से बातचीत के दौरान कहा कि सरकार इस मामले को लेकर ढुलमुल नीति अपना रही है मगर मुख्यमंत्री और जाट नेताओं ने लोगों से शांति की अपील की है.
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