हिंदी समाचार चैनल एनडीटीवी के प्राइम टाइम एंकर रवीश कुमार ने शुक्रवार को प्रसारित अपने शो में टीवी स्क्रीन काली कर दी और भारतीय मीडिया में होने वाली बहसों पर सवाल खड़े किए.
उन्होंने तर्क दिया की टीवी दर्शकों को अंधेरे में ले जा रहा है और बहसों के शोरगुल में असल मुद्दे गुम हो रहे हैं.
कार्यक्रम शुरू होने के कुछ मिनट बाद ही रवीश कुमार ट्विटर पर ट्रेंड करने लगे.
#Ravish Kumar के साथ 28 हज़ार से ज़्यादा ट्वीट किए गए.
जेएनयू विवाद और दिल्ली की अदालत में छात्रों और पत्रकारों पर हमलों के बाद भारतीय मीडिया की भूमिका पर भी नई बहस शुरू हुई है.
कई टीवी चैनलों पर फ़र्ज़ी वीडियो प्रसारित करने और दर्शकों को गुमराह करने के आरोप भी लगे हैं.
ऐसे में रवीश कुमार के इस शो को मीडिया की भूमिका पर हो रही बहस को आगे बढ़ाना वाला माना जा रहा है.
स्वामी (@mohitraj) ने ट्विटर पर लिखा, "रवीश ने आज ज़ोर से बोलने वाले पत्रकारों को धीरे धीरे बोल कर बहुत कुछ समझा दिया."
शायर इमरान प्रतापगढ़ी (@ShayarImran) ने ट्वीट किया, "सच और हक़ की बेखौफ़ हिमायत की है, गर ये बग़ावत है तो हाँ हमने बग़ावत की है!!"
हालांकि रवीश के कार्यक्रम के बारे आए बहुत से ट्वीट आम आदमी पार्टी नेताओं और समर्थकों के थे.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने फ़ेसबुक पर लिखा, "मुझे रवीश कुमार पर गर्व है."
आप कार्यकर्ता अतीशी मारलीन ने लिखा, "रवीश कुमार को इतिहास हमारे मुश्क़िल दौर के एक साहस और स्पष्टता वाले पत्रकार के रूप में याद रखेगा."
सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव ने ट्वीट किया, "हिस्टीरिया के शोर में रवीश कुमार एक दुर्लभ समझदार आवाज़ हैं. हमें ऐसे और साहसी पत्रकारों की ज़रूरत है."
ट्विटर पर व्यंग्य के लिए चर्चित रमेश श्रीवत्स (@rameshsrivats) ने लिखा, "अभी रवीश कुमार को सुना. ये मायने नहीं रखता कि आप बहस में किस ओर हैं. मैं सिर्फ़ ये चाहता हूँ कि उन जैसे और पत्रकार हों."
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