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42 माह की कैद के बाद रिहा हुए ”मुन्ना भाई”, रिहाई का विरोध भी

पुणे : करीब 42 माह की सश्रम कारावास के बाद आज एक्टर संजय दत्त को रिहा कर दिया गया है. एनके अच्छे चाल-चलन की वजह से उन्हें 105 दिन पहले रिहा किया गया. कारावास के दौरान संजय दत्त ने पेपर बैग, बांस की टोकरिया आदि बनाने का काम किया. इस दौरान उन्होंने जेल में 38000 […]

पुणे : करीब 42 माह की सश्रम कारावास के बाद आज एक्टर संजय दत्त को रिहा कर दिया गया है. एनके अच्छे चाल-चलन की वजह से उन्हें 105 दिन पहले रिहा किया गया. कारावास के दौरान संजय दत्त ने पेपर बैग, बांस की टोकरिया आदि बनाने का काम किया. इस दौरान उन्होंने जेल में 38000 रुपये कमाए, जिसमें से बचे हुए 440 रुपये लेकर आज संयज दत्त रिहा हुए हैं. एक तरफ संजय दत्त की रिहाई पर उनके प्रशंसकों में खुशी की लहर है. उन्हें लेने उनकी पत्नी मान्यता और उनकी बहन जेल गये थे. पुणे में जेल के बाहर संजय दत्त की रिहाई के विरोध में प्रदर्शन भी किये गये. हालांकि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया है.

रिहाई के पहले जेल के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये थे. संजय को टाडा के तहत गिरफ्तार किया गया था. बंबई में हुए 1993 में बम धमाकों के बाद संजय दत्त बिना लाइसेंसी हथियार के साथ पकड़े गये थे. संजय ने अपनी सजा पुणे के यरवदा जेल में काटी. संजय दत्त के स्वागत में उनके मुंबई स्थित आवास के बाहर बड़े-बड़े पोस्टर लगाये गये हैं.

फ्री में परोसी जायेगी ‘चिकन संजु बाबा’

संजय दत्‍त की रिहाई की खबर से उनके प्रशंसकों के बीच खुशी की लहर दौड़ गई है. संजय के एक प्रशंसक ने इस मौके पर अपने होटल में एक शानदार डिश ‘चिकन संजु बाबा’ फ्री में परोसने की ठानी है. दक्षिण मुंबई में स्थित इस होटल के मालिक खालिद हकीम का कहना है कि,’ हमने संजय दत्त साब को 1986 में हमारे रेस्त्रां के फैमिली सेक्शन के उद्घाटन के मौके पर बुलाया था. इसके बाद वे कई बार यहां आ चुके हैं. वे जब वर्ष 2010 में यहां आये थे तो उन्‍होंने एक स्पेशल ग्रेवी बेस्ड चिकन डिश तैयार कर हमें दी थी. हमने इस डिश का नाम उन्हीं के नाम पर ‘चिकन संजु बाबा’ रखा था. उन्होंने हमें लिखित तौर पर इसे तैयार करने और बेचने की अनु‍मति दी थी.’

रिहाई को चुनौती देने वाली जनहित याचिका दायर

बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त की यरवदा जेल से रिहाई से एक दिन पहले बंबई उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दाखिल कर सजा में कमी के आधार उन्हें तय समय से पहले रिहा किए जाने के फैसले को चुनौती दी गई है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि संजय को फायदा पहुंचाया जा रहा है. समाजसेवी प्रदीप भालेकर की ओर से दाखिल एक जनहित याचिका में उच्च न्यायालय से अनुरोध किया गया है कि वह संजय की सजा में कमी के महाराष्ट्र सरकार के फैसले को रद्द कर दे और अभिनेता को फिर से हिरासत में लिए जाने के आदेश दे ताकि वह उच्चतम न्यायालय की ओर से सुनाई गई अपनी पांच साल की सजा की पूरी अवधि जेल में बिताएं.

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