मेरे घर के नेटवर्क पर हमला हुआ है. हमलावर तेज़, निर्दयी और चालाक हैं. उनकी नज़र से कोई कमज़ोरी बच नहीं सकती.
लेकिन ऐसा नहीं कि मैंने अपने नेटवर्क की सुरक्षा नहीं की है. ऐसे उपकरण जिन्हें आसानी से भेदा जा सकता है, उन्हें मैंने कठोर बनाया है. मैंने चेतावनी देने वाला एक तंत्र भी लगाया है, जो हमलावरों के आते ही मुझे सूचना दे देगा.
लेकिन इतने प्रयासों के बावजूद हमलावर मेरे घरेलू नेटवर्क में घुसने का कोई न कोई रास्ता ढूंढ ही लेते हैं.
एक दिन मैं फ़ोन पर बात कर रहा था. अचानक मैंने देखा कि इंटरनेट से जुड़ा खिड़की पर लगा कैमरा अचानक घूमने लगता है. उस कैमरे के लेंस मुझ पर आकर टिक जाती है. मैं यह जानता हूँ कि दूसरे छोर पर बैठे हमलावर देख रहे हैं कि मैं क्या कर रहा हूँ. बहुत संभव है कि वो हमारी बातचीत भी सुन रहे हों.
यह ऐसा उपकरण है, जिसका प्रयोग मैं और मेरे बच्चे यह देखने के लिए करते हैं कि मेरे बगीचे में कोई जंगली जानवर तो नहीं घुसा है. इसे बहुत से लोग घर की सुरक्षा के लिए भी करते हैं.
मैं भाग्यशाली हूँ कि मैं यह जानता हूं कि हमलावर कौन हैं. इस समय वो मेरे रहने वाले कमरे में बैठे हैं. वो मुझे दिखाना चाहते हैं कि इस तरह के घरेलू उपकरणों में घुसपैठ करना कितना आसान है.
उन्होंने इस कैमरे से मेरी जो तस्वीरें ली हैं, वो प्रमाण के लिए काफ़ी हैं.
इन हमलावरों की भूमिका में थे सुरक्षा व्यवस्था देने वाली संस्था ट्रस्टबेव के डैन टर्नर और कैप्रियानोस वासिलोपोलस, जो घर के नेटवर्क की सुरक्षा की जांच कर रहे थे.
डैन टर्नर बताते हैं कि मेरे घर के नेटवर्क पर कुछ उपकरण ऐसे हैं, जिन्हें हैक किया जा सकता है. मेरे राउटर और यूएससी से जुड़े बैकअप ड्राइव भी उन्हें आकर्षित कर रहे थे लेकिन इंटरनेट से जुड़ने में सक्षम कैमरा ख़तरे की सबसे बड़ी घंटी थी.
कुछ घंटे की पड़ताल के बाद पता चला कि टर्नर ने कैमरे के मुख्य साफ़्टवेयर में पड़े एक अनाम वायरस के ज़रिए यह काम किया.
वे कहते हैं, ”इसका मतलब यह कि इसकी मदद से हम वो चीजें भी करने में सक्षम हैं, जो हमें कर पाने में सक्षम नहीं होना चाहिए.”
इस हमले में जिस नेटवर्क पर कैमरा सेट किया गया था, उसका इंटर्नल पासवर्ड का पता लगा लिया गया. इससे हमलावरों का इस नेटवर्क पर उसी-तरह आना-जाना हो गया जैसा मेरे परिवार के सदस्य आते-जाते हैं. हो सकता है कि इसी वजह से मेरे नेटवर्क के सुरक्षा तंत्र ने उन्हें दख़ल देने से न रोका हो.
इस तरह से नेटवर्क भेदना मुझे बड़ी समस्या नज़र आती है. सर्च इंजन शोडन पर ऐसे उपकरणों के बारे में खोजने पर क़रीब 15 लाख उपकरणों की सूची दिखती है, जिसमें ऐसे कोर साफ़्टवेयर का इस्तेमाल किया जाता है.
मगर ऐसा नहीं कि इन सभी उपकरणों को भेदा जा सकता है. इनमें से बहुत से उपकरणों के ज़रिए उन नेटवर्क में घुसने के रास्ते थे, जिस पर ये काम कर रहे हैं.
पालो अल्टो नेटवर्क्स के यूरोपियन सुरक्षा प्रमुख ग्रे डे कहते हैं, ”ये वो उपेक्षित उपकरण हैं, जो सुरक्षा के लिए बड़ा मुद्दा हैं.” लेकिन बहुत से लोग इन्हे अनदेखा कर देते हैं क्योंकि वो बहुत साधारण नज़र आते हैं.
वो कहते हैं, ”आपको पिंग पर ध्यान देना चाहिए, जो आपके होम नेटवर्क से निकल रहा है. हो सकता है कि आउटगोइंग ट्रैफ़िक आपकी सोच से अधिक हो.”
सूंघने वाले एक टूल से जब मैंने देखा तो मैं यह देखकर ताज्जुब में था कि कितना मेरे नेटवर्क से कितना अधिक डेटा जा रहा है. डेस्कटॉप, टैपटॉप, टैबलेट और स्मार्टफ़ोन सब इंटरनेट से जुड़े थे. इनमें बहुत से लगातार अपडेट हो रहे थे, विज्ञापन आ रहे थे या ऐप की सामग्री आ रही थी.
मुझे दो रहस्यमय उपकरण भी नज़र आए. इनमें एक था प्रिंटर और दूसरा एक डिजिटल रेडियो. मैं यह भूल गया था कि सालों पहले जब मैं उन्हें लाया था तो उन्हें वाई-फ़ाई से जोड़ दिया था.
डे कहते हैं, हो सकता है कि यह बहुत छोटा हो लेकिन लोगों को ख़तरे के बारे में बताने के लिए बहुत ही स्मार्ट उपकरण हों.
गैजेट में वायरस का पता लगाने और उनका समाधान करने की दिशा में इंडस्ट्री में प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन सभी निर्माता समस्याओं पर प्रतिक्रिया नहीं दे रहे हैं.
इंटरनेट से जुड़ने लायक कैमरे बनाने वाले को मैंने वायरस के बारे में बता दिया लेकिन उनके पास इस लूपहोल को बंद करने की कोई योजना नहीं थी.
आइए हम आपको अपने घर के नेटवर्क की सुरक्षा के कुछ उपाए बताते हैं.
एंटी वायरस और फ़ायरवाल का इस्तेमाल करें. इन्हें हमेशा अपटुडेट रखें.
राउटर के फ़र्मवेयर को अपडेट करें. उसके डिफ़ाल्ट एडमिन नेम और पासवर्ड को बदल दें. एक बार जब इसे आप कनफ़िगर कर दें तो लॉगआउट कर जाएं. डब्लूपीएस को ऑफ़ कर दें.
अपने कंप्यूटर, लैपटॉप, फ़ोन और टैबलेट के ऑपरेटिंग सिस्टम को अपडेट रखें.
जिन ईमेल में अटैचमेंट हो, उन्हें ज़रा संदेह से देखें. भले ही वो आपके जानने वालों ने भेजे हों.
इंटरनेट से जुड़े उपकरणों जैसे आईपी कैमरा, नेटवर्क ड्राइव और अन्य स्मार्ट उपकरणों की सुरक्षा की जांच करते रहें. अगर संभव हो तो उनके बेव इंटरफ़ेस को ऑफ़ कर दें.
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