जानें अरुण जेटली की जिंदगी से जुड़े अहम तथ्य

-बजट डेस्क- वित्त मंत्री अरुण जेटली आज संसद में बजट पेश कर रहे हैं. भाजपा के तेजतर्रार नेता व सुप्रीम कोर्ट के कामयाब वकील के रूप में पहचाने जाने वाले जेटली के लिए आज परीक्षा का दिन है. देश में निजी निवेश बढ़ नहीं रहा है. लगातार 14 वें महीने निर्यात गिर रहा है. विपरीत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 29, 2016 11:18 AM

-बजट डेस्क-

वित्त मंत्री अरुण जेटली आज संसद में बजट पेश कर रहे हैं. भाजपा के तेजतर्रार नेता व सुप्रीम कोर्ट के कामयाब वकील के रूप में पहचाने जाने वाले जेटली के लिए आज परीक्षा का दिन है. देश में निजी निवेश बढ़ नहीं रहा है. लगातार 14 वें महीने निर्यात गिर रहा है. विपरीत परिस्थितियों में देश जेटली से ऐसे बजट की उम्मीद कर रहा है जो आर्थिकी को पटरी पर ले आये.
अरुण जेटली के पिता महाराज किशन जेटली पेशे से वकील थे. लिहाजा, वकालत इन्हें विरासत में मिली. संत जेवियर दिल्ली से स्कूली शिक्षा पाने वाले जेटली ने श्रीराम कॉमर्स कॉलेज से स्नातक किया. जेटली उन दिनों चार्टड अकाउटेंट बनना चाहते थे, लेकिन इन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री ली. पढ़ाई के साथ-साथ वे भारतीय जनता पार्टी के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुडे़. आपातकाल के दिनों में इन्हें जेल जाना पड़ा. बतौर छात्र नेता जेटली दिल्ली छात्रसंघ के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. 1980 में जेटली भाजपा के यूथ विंग भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष बने.
एक तरफ राजनीति तो दूसरी ओर वकालत, जेटली दोनों क्षेत्रों में करियर की नयी बुलंदियों को छू रहे थे. बतौर राजनेता उन्होंने भाजपा के कई राज्यों का चुनावी मोर्चा संभाला. दशकों तक भाजपा के मुख्य रणनीतिकार के रूप में अपनी भूमिका निभाने वाले जेटली को भारतीय जनता पार्टी के अभिजात वर्ग का चेहरा के रूप में देखा जाता है. दिल्ली के मीडिया, बुद्धिजीवी वर्ग, वकील व अन्य रसूखदार लोगों के बीच पैठ रखने वाले जेटली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेहद करीबी माने जाते है. हालांकि जेटली कभी लोकसभा चुनाव जीत नहीं पाये. 2014 में जब पूरे देश में मोदी लहर थी, तब भी वे पंजाब से चुनाव हार गये, लेकिन इसका असर उनके राजनीतिक कद पर कभी नहीं पड़ा. वे देश के वित्त मंत्री बने.
वाजपेयी सरकार में इऩ्होंने कानून मंत्री का पद संभाला था. हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में समान अधिकार रखने वाले जेटली को सरकार के सबसे बड़े प्रवक्ता के रूप में माना जाता है. राजनीति में लंबी पारी खेलने के बाद जेटली विवादों से दूर रहे, लेकिन हाल ही में डीडीसीए मामले में नाम उछला. जेटली अपने राजनीतिक जीवन की अहम पारी खेल रहे है. वित्त मंत्री के रूप में इनके पास अहम जिम्मेदारी है.

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