बिना भेदभाव सभी आतंकवादी संगठन निशाने पर होंगे : पाक

वाशिंगटन : पाकिस्तान ने स्वीकार किया कि आतंकवादी समूहों को बिना भेदभाव के निशाना बनाने के लिए उसकी नीति में ‘महत्वपूर्ण बदलाव’ आया है और उम्मीद जतायी कि अमेरिका अब उसे ‘जन्नत का सहयोगी’ मानेगा, न कि जहन्नुम का, जैसा एक पूर्व सीआईए प्रमुख ने हाल में एक किताब में जिक्र किया है. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 2, 2016 11:50 AM

वाशिंगटन : पाकिस्तान ने स्वीकार किया कि आतंकवादी समूहों को बिना भेदभाव के निशाना बनाने के लिए उसकी नीति में ‘महत्वपूर्ण बदलाव’ आया है और उम्मीद जतायी कि अमेरिका अब उसे ‘जन्नत का सहयोगी’ मानेगा, न कि जहन्नुम का, जैसा एक पूर्व सीआईए प्रमुख ने हाल में एक किताब में जिक्र किया है. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने वाशिंगटन में दर्शकों से कहा, ‘2013 में मेरी सरकार आने के बाद हमारी नीति में महत्वपूर्ण बदलाव हुआ है. अब हम बिना भेदभाव के सभी आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं. और मैं उम्मीद करता हूं कि हम (अमेरिका के लिए) स्वर्ग से भेजा गया सहयोगी बनने के योग्य होंगे.’

विदेश मामलों से संबंधित परिषद में चर्चा के दौरान अजीज की यह टिप्पणी एक सवाल के जवाब में आई. सवाल सीआईए के एक पूर्व प्रमुख की हाल में जारी हुई पुस्तक से संबंधित था जिसमें पाकिस्तान को ‘नर्क से भेजा गया सहयोगी’ करार दिया गया था. अजीज ने कहा, ‘9/11 हमले के बाद हमारी सोच में एक बडा विभाजन हुआ क्योंकि अमेरिका अचानक उन लोगों से अलग हो गया जिन्हें उसने रूसियों से लडने के लिए प्रशिक्षण दिया था. धर्म योद्धा से वे आतंकवादी हो गये.’

उन्होंने इस बात को माना कि 2002 से 2012-13 तक यह धारणा थी कि पाकिस्तान एक तरफ आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में शामिल है, वहीं दूसरी ओर वह इनमें से कुछ समूहों का समर्थन कर रहा है. अजीज ने कहा कि लेकिन यह धारणा सही नहीं है क्योंकि इसी अवधि में पाकिस्तान ने अलकायदा के लगभग 600 आतंकवादियों को गिरफ्तार किया था और अमेरिका को सौंपा था.

अजीज ने कहा, ‘हम उस समय पूरा सहयोग कर रहे थे. उस समय कुछ समूहों पर सवालिया निशान था. और यही वह समय था जब इस तरह की धारणा उत्पन्न हुई.’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन मेरे नजरिए से ये बातें अब पुरानी हो गईं हैं.’ अजीज ने कहा, ‘अब हमारी नीति में महत्वपूर्ण बदलाव आया है.’ सीआईए के पूर्व निदेशक माइकल हेडन ने हाल में आई अपनी किताब ‘प्लेयिंग टू एज’ में आतंकी समूहों, खासकर अलकायदा, तालिबान, लश्कर ए तैयबा और हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई के मामले में पाकिस्तानी नेतृत्व के ‘दोहरे रुख’ पर गंभीर निराशा जताई थी.

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