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USCIRF को वीजा नहीं देने के भारत के फैसले पर अमेरिका ने जताई ‘निराशा”

वाशिंगटन : अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने एक अमेरिकी धार्मिक आयोग के सदस्यों को वीजा नहीं देने के भारत के निर्णय पर ‘निराशा’ जताते हुए कहा है कि अमेरिका धार्मिक स्वतंत्रता के मामले पर भारत से बात करने से डरता नहीं है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा, ‘हम इस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 8, 2016 2:13 PM

वाशिंगटन : अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने एक अमेरिकी धार्मिक आयोग के सदस्यों को वीजा नहीं देने के भारत के निर्णय पर ‘निराशा’ जताते हुए कहा है कि अमेरिका धार्मिक स्वतंत्रता के मामले पर भारत से बात करने से डरता नहीं है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा, ‘हम इस बारे में जानते हैं कि भारतीय दूतावास ने अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग के सदस्यों को वीजा जारी नहीं किया है. आयोग के सदस्य चार मार्च को भारत जाने की योजना बना रहे थे. हम इस समाचार से निराश हैं.’

उन्होंने कल अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में संवाददाताओं से कहा, ‘हम आयोग और विश्वभर में धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन की परिस्थितियों एवं तथ्यों की समीक्षा में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका का समर्थन करते हैं.’ किर्बी ने कहा, ‘जैसा राष्ट्रपति (बराक) ओबामा ने पिछले वर्ष अपनी यात्रा में उल्लेख किया था, हम धार्मिक स्वतंत्रता एवं विविधता को प्रोत्साहित करने में भारत सरकार की प्रतिबद्धता का समर्थन करते हैं.

उन्होंने अपनी यात्रा के दौरान जो संदेश दिया था, वह स्पष्ट था और अब भी सच है.’ उन्होंने कहा, ‘मैं राष्ट्रपति की कही बात का हवाला देते हुए कह रहा हूं कि हमारे देश तब और मजबूत होते हैं, ‘जब हर व्यक्ति को धर्म का पालन, उसका चयन करने या किसी भी धर्म का पालन नहीं करने की आजादी होती है और ऐसा करने के लिए भेदभाव के डर और उत्पीडन से आजादी की आवश्यकता है.’

किर्बी ने कहा कि अमेरिका इस बारे में और धार्मिक स्वतंत्रता के संदर्भ में अन्य विषयों पर भारत सरकार के साथ कई बार वार्ता कर चुका है. उन्होंने कहा, ‘यह वार्ता का ऐसा विषय नहीं है जिस पर हमने बात नहीं की है और यह ऐसा विषय नहीं है जिन पर भारतीय समकक्षों से बात करने से हम डरते हैं.’ किर्बी ने कहा, ‘हमें लगता है कि प्रत्येक समाज तब और मजबूत बनता है जब लोगों को प्रार्थना करने और नहीं करने की आजादी होती है. यह बात दुनिया की हर जगह की तरह भारत पर भी लागू होती है.

भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति के संदर्भ में मेरे पास अभी कोई औपचारिक नीति बयान नहीं है. जैसा मैंने पहले कहा, हम इस निर्णय से निराश हैं.’ आयोग के सदस्यों को वीजा नहीं देने के अपने निर्णय का बचाव करते हुए भारत ने शुक्रवार को कहा था कि भारत के नागरिकों के संविधान के तहत सुरक्षित अधिकारों पर अपना फैसला देने या कोई टिप्पणी करने का समूह के पास कोई अधिकार नहीं है.

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