धड़का मानव का बनाया दिल, पांच साल चलेगा

– पहली बार फ्रांस में हुआ कृत्रिम दिल का प्रत्यारोपण – फ्रांसीसी बायोमेडिकल फर्म कारमैट ने किया है विकसित लंदन : अभी तक मानव शरीर में भगवान का बनाया हुआ दिल धड़कता रहा है, पर अब खुद मानव का बनाया दिल भी शरीर में खून का संचार करने लगा है. यह पांच साल तक काम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 23, 2013 6:34 AM

– पहली बार फ्रांस में हुआ कृत्रिम दिल का प्रत्यारोपण

– फ्रांसीसी बायोमेडिकल फर्म कारमैट ने किया है विकसित

लंदन : अभी तक मानव शरीर में भगवान का बनाया हुआ दिल धड़कता रहा है, पर अब खुद मानव का बनाया दिल भी शरीर में खून का संचार करने लगा है. यह पांच साल तक काम कर सकता है. पहली बार फ्रांस में कृत्रिम दिल का प्रत्यारोपण किया गया है. प्रत्यारोपण के बाद यह अच्छे तरीके से काम कर रहा है.

इस कृत्रिम दिल का डिजाइन फ्रांस के बायोमेडिकल फर्म कारमैट ने किया है, जिसे हॉलैंड के इंजीनियरिंग फर्म यूरोपियन ऐरोनॉटिक डिफेंस एंड स्पेस कंपनी के सहयोग से विकसित किया गया है. इसे पेरिस के जॉर्ज पॉम्पिडाउ हॉस्पिटल में एक 75 वर्षीय व्यक्ति के शरीर में प्रत्यारोपित किया गया. डॉक्टरों के अनुसार इससे उसे पांच साल अतिरिक्त जीवन मिल गया है.

इस कृत्रिम दिल में बोवाइन टिश्यू समेत कई तरह के बायो मैटेरियल का इस्तेमाल किया गया, ताकि इसे शरीर द्वारा रिजेक्ट करने की संभावना न्यूनतम हो. इससे पहले विकसित कृत्रिम हॉर्ट मुख्यत: अस्थायी उपयोग के लिए था. जॉर्ज पॉम्पिडाउ हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने कहा कि मरीज में लगाया गया कृत्रिम दिल अच्छी तरह काम कर रहा है.

कारमैट के चीफ एक्जिक्यूटिव मारसेलो कॉनविटी ने कहा, कृत्रिम दिल का पहला प्रत्यारोपण करने के बाद हम काफी खुश हैं. हालांकि, इसके आधार पर अभी कोई निष्कर्ष निकालना जल्दबाजी होगा. अभी हम पूर्व पोस्ट-ऑपरेटिव फेज में हैं.

कंपनी का दावा है कि इस डिवाइस के प्रत्यारोपित होने के बाद मरीज फिर से अपना सामान्य काम कर सकता है. कारमैट का कहना है कि इस डिवाइस को छोटे साइज में बनाया जा सकता है, जो महिलाओं और भारत व चीन के मरीजों के लिए ज्यादा उपयुक्त होगा.

कृत्रिम दिल मरीज को सामान्य सामाजिक जीवन दे सकता है. दवा पर उसकी निर्भरता कम-से-कम होगी.

डॉ एलेन कारपेंटियर, प्रत्यारोपण करनेवाले सजर्न, जॉर्ज पॉम्पिडाउ हॉस्पिटल, पेरिस

डॉक्टरी करिश्मा

वजन एक किलो से कम है, जो औसत स्वस्थ मानवीय दिल से तीन गुना अधिक वजनी है. इसमें घड़ी की तरह लिथियम-आयन बैटरियां लगी हैं. यह संकुचित होता है. इसमें सेंसर लगे हैं, ताकि शरीर में खून का प्रवाह होता रहे. आंतरिक सतह, जो खून के संपर्क में रहता है, को सिंथेटिक मैटेरियल की जगह बोवाइन टिश्यू से बनाया गया है, ताकि खून जमे नहीं.

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