पाक मानवअधिकार कार्यकर्ताओं ने कहा, ‘भगत सिंह की फांसी पर महारानी एलिजाबेथ को माफी मांगनी चाहिए”
लाहौर : पाकिस्तान के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने आज कहा कि स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह को 1931 में फांसी देने के लिए ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ को माफी मांगनी चाहिए और उनके परिवार के लोगों को मुआवजा देना चाहिए. उन्होंने यह मांग सिंह की 85वें शहीदी दिवस के मौके पर कीं. पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में […]
लाहौर : पाकिस्तान के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने आज कहा कि स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह को 1931 में फांसी देने के लिए ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ को माफी मांगनी चाहिए और उनके परिवार के लोगों को मुआवजा देना चाहिए. उन्होंने यह मांग सिंह की 85वें शहीदी दिवस के मौके पर कीं. पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में कल दो स्थानों पर भगत सिंह की पुण्यतिथि मनाई गईं.
पहला कार्यक्रम भगत सिंह के जन्म स्थान पर हुआ जो यहां से करीब 100 किलोमीटर दूर फैसलाबाद जिले के जरनवाला के बंगा चक में चक 105- जीबी में है. विभिन्न तबकों के लोग कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए पहुंचे और स्वाधीनता में उनके संघर्ष के लिए उन्हें श्रद्धांजलि दी. दूसरा कार्यक्रम यहां शदमन चौक पर आयोजित किया गया, जहां भगत सिंह को उनके साथी राजगुरु और सुखदेव के साथ 23 मार्च 1931 को फांसी दी गई थी. इससे पहले उन पर शासन के खिलाफ साजिश के आरोप में मुकदमा चलाया गया था.
सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें मांग की गई कि ब्रिटेन की महारानी (महारानी एलिजाबेथ द्वितीय) स्वतंत्रता आंदोलन के नायक को फांसी देने के लिए माफी मांगे, साथ ही उनके परिवार के सदस्यों को मुआवजा दें.उन्होंने कहा कि भगत सिंह को पहले उम्रकैद की सजा दी गई थी लेकिन बाद में अन्य ‘मनगढंत मामले’ में मौत की सजा दी गई.
भारतीय उच्चायुक्त गौतम बमबाले का एक लिखित संदेश भी इस मौके पर पढा गया. उन्होंने भगत सिंह की यादों को जिंदा रखने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित करने पर भगत सिंह फाउंडेशन की कोशिशों की सरहाना की. मानवाधिकार कार्यकर्ता अब्दुलाह मलिक ने कहा, ‘‘हम इस संकल्प को महारानी तक भेजने के लिए इस्लामाबाद में ब्रिटेन उच्चायोग को सौंपेंगे .”